Thursday, May 8, 2025
Home Uncategorized संयुक्त राष्ट्र संघ में खैबर पख्तूनख्वा में मंदिर तोड़े जाने का मुद्दा भारत ने उठाया।

संयुक्त राष्ट्र संघ में खैबर पख्तूनख्वा में मंदिर तोड़े जाने का मुद्दा भारत ने उठाया।

by marmikdhara
0 comment

संयुक्त राष्ट्र संघ के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए शांति और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपनाए गए प्रस्ताव पर विचार के दौरान भारत में पाकिस्तान की नियत पर सवाल उठाते हुए उस पर करारा हमला बोला। गुरुवार को भारत में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले साल दिसंबर में सैकड़ों लोगों की भीड़ द्वारा तोड़े गए हिंदू मंदिर की बर्बरता पर पाकिस्तान को फटकार लगाई। पाकिस्तान में इमरान सरकार विश्व स्तर पर अपने कार्यों में एक असफल सरकार के रूप में उभर कर आई है। इमरान सरकार किसी भी मामले में अपने आप को सिद्ध नहीं कर पायी। हर स्तर पर वह विफल सरकार के रूप में प्रस्तुत हुई है। जिससे इस सरकार की विश्व स्तर एवं अपने देश में बहुत अधिक किरकिरी हुई है।
इस दौरान भारत ने जोर देकर कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत स्थल , बढ़ते आतंकवाद, हिंसक चरमपंथ और दुनिया में बढ़ती कट्टरता के निशाने पर है। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत टी एस तिरूमूर्ति ने कहा कि भारत एक विविध संस्कृतियों वाला देश है यहां सभी धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों और पूजा स्थलों की रक्षा की जाती है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि जब काराक शहर में मंदिर पर हमला किया गया। तब वहां के अधिकारी चुपचाप खड़े थे।
धार्मिक स्थलों पर हमलों के खिलाफ कानूनों के चयनात्मक रवैया के खिलाफ चेतावनी देते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि जब तक ऐसी चयनात्मकता मौजूद है। दुनिया कभी भी शांति की वास्तविक संस्कृति को बढ़ावा नहीं दे पाएगी। उन्होंने कहा,”यह प्रस्ताव पाकिस्तान जैसे देशों के लिए छिपने या गुमराह करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।”
पाकिस्तान के प्रतिनिधि में जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इन आरोपों को खारिज कर दिया। इस दौरान भारत के प्रतिनिधि ने ऐसे कई और उदाहरण देते हुए कहा,”कट्टरपंथियों द्वारा प्रतिष्ठित बामियान बुद्ध को तवा करने की छवियां अभी भी हमारी यादों में हैं, अफगानिस्तान में सिख गुरुद्वारे में आतंकवादी हमला, जिसमें 25 लोग मारे गए थे। इस क्रूरता का एक और उदाहरण है।”
भारत ने विशेष रूप से धर्म के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ में चर्चा का आधार बनाने के लिए गैर चयनात्मकता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को अपनाने के अपने आहान को भी दोहराया। भारत में कहा,”संयुक्त राष्ट्र सभ्यताओं के संघ समेत संयुक्त राष्ट्रो को किसी का पक्ष नहीं लेना चाहिए और जब तक ऐसी चयनात्मकता मौजूद हैं, दुनिया कभी भी शांति की संस्कृति को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं। हमें उन ताकतों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए जो नफरत और हिंसा के साथ बातचीत और शांति को दबाती हैं।”

हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)

You may also like

Leave a Comment

True Facts News is renowned news Paper publisher in Jaipur, Rajasthan

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

Laest News

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by TrueFactsNews