जयपुर, डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बयान पर उनके समर्थन में उतरे भाजपा नेताओं का सियासी दांव उल्टा पड़ गया। सचिन पायलट के बयान के बाद दिन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। दोनों नेताओं ने अपने बयान में सचिन पायलट का समर्थन किया था। कांग्रेस में उनके योगदान को भी बताया था। मंगलवार आधी रात सचिन पायलट ने ट्वीट कर भाजपा को निशाने पर लिया।
सचिन पायलट ने प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौर के ट्वीट का जवाब दिया।
सचिन पायलट ने राजेंद्र राठौर की ट्वीट के जवाब में लिखा। प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। इसकी बजाय बीजेपी को अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आपसी फूट व अंतर्कलह पार्टी पर इतना हावी है कि राजस्थान राज्य में भाजपा विपक्ष की भूमिका भी सही ढंग से नहीं निभा पा रही है। इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट से जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी।
बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा कांग्रेस सरकार में पायलट का योगदान सराहनीय है।
इससे पहले राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट करके कांग्रेस पर निशाना साधा था। राजेंद्र राठौड़ ने लिखा था–आखिर मन का दर्द होठों पर आई ही गया। यह चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेंगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट जी ने अहम भूमिका निभाई थी। सुलह कमेटी के पास मुद्दे अभी अनसुलझे ही हैं। ना जाने कब क्या हो जाए।
आधी रात को ट्वीट कर सचिन पायलट ने बताई अपनी रणनीति।
सचिन पायलट ने खुद के समर्थन में ट्वीट करने वाले उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर को आधी रात को जवाबी ट्वीट के जरिए नसीहत दी और बीजेपी को उनके मामले में पढ़ने की जगह अपना घर संभालने की नसीहत दे दी। सचिन पायलट खुद पर भाजपा के समर्थन या बीजेपी नेताओं से मिलीभगत का टैग नहीं लगाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने तुरंत जवाब दिया। क्योंकि राजेंद्र राठौर और सतीश पूनिया ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार लाने में पायलट का रोल बताया इस बयान के आधार पर विरोधी खेमा भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगा सकता था। इन सब कारणों के चलते पायलट ने आधी रात को देर से ही सही लेकिन भाजपा नेताओं को करारा जवाब दिया हालांकि जब तक पायलट ने जवाब दिया तब तक इस मुद्दे पर खूब से सियासी चर्चा हो चुकी थी।
सचिन पायलट ने इससे पहले भी विधानसभा में बीजेपी को ऐसा ही जवाब दिया था।
सचिन पायलट ने बगावत के बाद हुई सुलह के बाद विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस वाले दिन 14 अगस्त 2020 को भी इसी अंदाज में भाजपा नेताओं का जवाब दिया था। उस बाद भाजपा नेताओं ने सचिन पायलट और उनके समर्थकों की अनदेखी और पायलट की सीट आगे से हटाकर कॉर्नर साइड करने पर कांग्रेस पर तंज कसा था। तब इसका जवाब पायलट ने बीच में दखल देते हुए कहा था—, मेरी सीट बॉर्डर पर ही गई है, बॉर्डर पर उसे भेजा जाता है जो सबसे मजबूत होता है। बीजेपी इसकी चिंता ना करें तो उसके लिए अच्छा होगा।
सचिन पायलट के मिडनाइट रिप्लाई की राजस्थान की राजनीति में चर्चा का विषय बनी।
सचिन पायलट की आधी रात को ट्वीट करके जवाब देने की राजस्थान की राजनीति में खूब चर्चा हुई। पायलट ने करीब साढे 6 घंटे बाद राठौर के ट्वीट पर जवाब दिया। इतनी देरी से जवाब देने पर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, पायलट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी सक्रिय रहते हैं। पायलट के बारे में मेंस्ट्रीम मीडिया कवरेज, बयान और उनसे संबंधित कमेंट की मॉनिटरिंग और रेस्पॉन्स के लिए भी प्रोफेशनल टीम है। ऐसी में इतने अहम मामले में देरी से दी गई जवाब के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)