केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2021 से सभी वाहनों पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है। अब किसी टोल प्लाजा पर कैश के जरिए टोल नहीं वसूला जाएगा। सरकार का मकसद 100 फ़ीसदी वाहनों पर फास्टैग के जरिए ही टोल वसूला जाएगा।
हाईवे पर आते जाते समय टोल प्लाजा पर कैश देते हुए कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। लेकिन अब इससे आपको राहत मिलने वाली है। 1 जनवरी से फास्टैग को सभी गाड़ियों पर लगाना अनिवार्य हो गया है। अब हाईवे पर टोल फास्टैग के जरिए ही वसूला जाएगा। इसके बाद टोल पर किसी से भी कैश नहीं लिया जाएगा। अभी हाईवे पर 80 फीसदी वाहनों से फास्टैग के जरिए वसूला जाता है। केंद्र सरकार का लक्ष्य टोल वसूली में इजाफा करना है। अभी टोल से हर दिन 93 करोड़ रुपए की कमाई होती है। जिसे सरकार 100 करोड़ तक पहुंचाना चाहती है।
फास्टैग एक टैग और स्टीकर है। जिसे कार में आगे की तरफ लगाया जाता है।वही हाईवे पर टोल प्लाजा पर लगे इसके अंदर गाड़ी पर लगे स्पीकर से डिवाइस रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नीक के जरिए स्कैन कर लेते हैं और जगह के हिसाब से पैसे अपने आप बैंक अकाउंट से वसूली लिए जाते हैं। यह काफी सुविधाजनक है, इसके माध्यम से गाड़ी को टोल पर रोकने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर फास्टैग किसी प्रीपेड अकाउंट या फिर डेबिट/क्रेडिट कार्ड से लिंक नहीं है। तो आपको इसे रिचार्ज कराना होगा।
अगर आपने अभी तक अपनी गाड़ी पर फास्टैग स्टीकर नहीं लगाया है। तो आपको जल्द लगवा लेना चाहिए। आप इसे PAYTM , Amazon, Snapdeal, आदि से खरीद सकते हैं। साथ ही देश के 23 बैंकों के जरिए इसे प्राप्त किया जा सकता है। के अलावा सड़क परिवहन प्राधिकरण ऑफिस में भी इनकी बिक्री होती है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अपनी सहायक भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCL) के जरिए फास्टैग की बिक्री और संचालन किया जाता है।
NHAI के अनुसार फास्टैग की कीमत 200 रुपए है इसमें आप कम से कम ₹100 का रिचार्ज करा सकते हैं। जब तक फास्टैग स्कैनर पर स्कैन करेगा तब तक यह काम करेगा।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)