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सुंदरकाण्ड सें जुङी 5 अहम बातें

by marmikdhara
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राम चरित्र मानस का सबसे अहम कांड सुंदरकांड कहते हैं इसे पढ़ने से सुनने से मनुष्य के सारे दुख और संकट दूर हो जाते हैं जा पर कृपा राम की होई वहां पर कृपा करे हर कोई भगवान श्री राम की विशेष कृपा हनुमान जी महाराज पर बनी हुई थी माता ने बजरंगबली को अजर अमर का आशीर्वाद दिया था और जब सुंदरकांड में इसका उल्लेख होता है बजरंगबली माता से मिलने जब लंका गए तब माता ने उन्हें अजर अमर होने का वरदान दिया और तभी सुंदरकांड की रचना की गई इसीलिए कहते हैं जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम

1 :- सुंदरकाण्ड का नाम सुंदरकाण्ड क्यों रखा गया !!
हनुमानजी, सीताजी
की खोज में लंका गए थें और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी ! त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थें ! पहला सुबैल पर्वत, जहां कें मैदान में युद्ध हुआ था !
दुसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों कें महल बसें हुए थें ! और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका नीर्मित थी ! इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी !
इस काण्ड की यहीं सबसें प्रमुख घटना थी , इसलिए इसका नाम सुंदरकाण्ड रखा गया है !

2 :- शुभ अवसरों पर ही सुंदरकाण्ड का पाठ क्यों !!
शुभ अवसरों पर गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस कें सुंदरकाण्ड का पाठ किया जाता हैं ! शुभ कार्यों की शुरूआत सें पहलें सुंदरकाण्ड का पाठ करनें का विशेष महत्व माना गया है !
जबकि किसी व्यक्ति कें जीवन में ज्यादा परेशानीयाँ हो , कोई काम नहीं बन पा रहा हैं, आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या हो , सुंदरकाण्ड कें पाठ सें शुभ फल प्राप्त होने लग जाते है, कई ज्योतिषी या संत भी विपरित परिस्थितियों में सुंदरकाण्ड करनें की सलाह देते हैं !

3 :- जानिए सुंदरकाण्ड का पाठ विषेश रूप सें क्यों किया जाता हैं !!
माना जाता हैं कि सुंदरकाण्ड कें पाठ सें हनुमानजी प्रसन्न होतें है !
सुंदरकाण्ड कें पाठ में बजरंगबली की कृपा बहुत ही जल्द प्राप्त हो जाती हैं !
जो लोग नियमित रूप सें सुंदरकाण्ड का पाठ करतें हैं , उनके सभी दुख दुर हो जातें हैं , इस काण्ड में हनुमानजी नें अपनी बुद्धि और बल सें सीता की खोज की हैं !
इसी वजह सें सुंदरकाण्ड को हनुमानजी की सफलता के लिए याद किया जाता हैं !

4 :- सुंदरकाण्ड सें मिलता हैं मनोवैज्ञानिक लाभ !!
श्रीरामचरितमानस कें सुंदरकाण्ड की कथा सबसे अलग हैं , संपूर्ण श्रीरामचरितमानस भगवान श्रीराम कें गुणों और उनके पुरूषार्थ को दर्शाती हैं , सुंदरकाण्ड ऐक मात्र ऐसा अध्याय हैं जो श्रीराम कें भक्त हनुमान की विजय का काण्ड हैं !
मनोवैज्ञानिक नजरिए सें देखा जाए तो यह आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला काण्ड हैं , सुंदरकाण्ड कें पाठ सें व्यक्ति को मानसिक शक्ति प्राप्त होती हैं , किसी भी कार्य को पुर्ण करनें कें लिए आत्मविश्वास मिलता हैं !

5 :- सुंदरकाण्ड सें मिलता है धार्मिक लाभ !!
हनुमानजी की पूजा सभी मनोकामनाओं को पुर्ण करनें वालीं मानी गई हैं , बजरंगबली बहुत जल्दी प्रशन्न होने वालें देवता हैं , शास्त्रों में इनकी कृपा पाने के कई उपाय बताएं गए हैं , इन्हीं उपायों में सें ऐक उपाय सुंदरकाण्ड का पाठ करना हैं , सुंदरकाण्ड कें पाठ सें हनुमानजी कें साथ ही श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त होती हैं !

किसी भी प्रकार की परेशानी हो सुंदरकाण्ड कें पाठ सें दुर हो जाती हैं , यह ऐक श्रेष्ठ और सरल उपाय है , इसी वजह सें काफी लोग सुंदरकाण्ड का पाठ नियमित रूप सें करते हैं , हनुमानजी जो कि वानर थें , वे समुद्र को लांघकर लंका पहुंच गए वहां सीता की खोज की , लंका को जलाया सीता का संदेश लेकर श्रीराम के पास लौट आए , यह ऐक भक्त की जीत का काण्ड हैं , जो अपनी इच्छाशक्ति के बल पर इतना बड़ा चमत्कार कर सकता है , सुंदरकाण्ड में जीवन की सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र भी दिए गए हैं , इसलिए पुरी रामायण में सुंदरकाण्ड को सबसें श्रेष्ठ माना जाता हैं , क्योंकि यह व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ाता हैं , इसी वजह सें सुंदरकाणड का पाठ विशेषMental रूप सें किया जाता हैं !!

जन्मपत्रिका की अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
आचार्य धर्मेंद्र खंडेलवाल
जयपुर
नंबर 75685 78595

हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)  www.Marmikdhara.in.(Hindi)
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