जल चढ़ाना एक प्राचीन आध्यात्मिक रीति है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है।यह एक आसान तरीका है जिससे आप अपने शरीर को ताकतवर और स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं।यह एक प्रकार की सूर्योपासना है जो सूर्यदेव की पूजा करते हुए की जाती है ।सूर्योदय जल चढ़ाने के लिए सबसे उचित समय सूर्य के उदय के 45 मिनट पश्चात होता है।इस समय पर सूर्यदेव के ऊर्ध्वाधो नजर करने से अधिक लाभ मिलता है।
सूर्य जल चढ़ाने के फायदे :
- शारीरिक लाभ : सूर्यजल चढ़ाने से शरीर को नई ऊर्जा मिलती है। यह शरीर को ताकतवर और स्वस्थ रखने में मदद करता है।इसके अलावा, यह शरीर के दर्दों को कम करने में भी मदद करता है।
- मानसिकलाभ: सूर्यजल चढ़ाने से मन शांत होता है और चिंताओं से मुक्ति मिलती है।इससे व्यक्ति का मन स्पष्ट होता है और उन्हें अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सक्षमता मिलती है।
सूर्य जल चढ़ाने की विधि :
- सूर्योदय से पहले : सूर्योदय से पहले एक लोटा जल को रखें। सूर्य उदय के समय जल को अर्पित करें।
- सूर्योदयकेसमय : सूर्य उदय के समय अपने हाथों में जल लें और सूर्यदेव की ओर उन्नतभाव से नजर करें।फिर जल को सूर्य देव की ओर चढ़ाएँ।
- सूर्यास्तकेसमय: सूर्यास्त के समय भी सूर्य जल चढ़ाने का विधान है।इस समय एक लोटा जल लें और सूर्यदेव की ओर नज़र करते हुए जल को चढ़ाएँ।
- सूर्यास्त के बाद: सूर्यास्त के बाद भी सूर्य जल चढ़ाया जा सकता है। इस समय भी जल को सूर्यदेव की ओर चढ़ाएँ।
सूर्य जल चढ़ाने के लिए इन विधियों को अपनाएं और अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाएं।यह आपके शरीर और मन दोनों को ताकतवर बनाने में मदद करेगा।इससे आपका जीवन स्वस्थ, सकारात्मक और सफल होगा।