बाड़मेर जिले के कुसीप गांव में फर्जी अस्पताल पर कार्रवाई करने पहुंची टीम के साथ झोलाछाप डॉक्टर ने अभद्रता की। एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व की टीम सोमवार को फर्जी अस्पताल पहुंची। जहां संचालक खुद को डॉक्टर बताते हुए लोगों का इलाज कर रहा था। एसडीएम ने डॉक्टर से डिग्री और कागजात मांगे तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद एसडीएम ने अस्पताल को सीज करवा दिया। और पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया।
सिवाना एसडीएम कुसुमलता चौहान ने बताया कि 2 दिन पहले शिकायत मिली थी कि कुसीप गांव में झोलाछाप डॉक्टर कोरोना के मरीज का इलाज कर रहा है। एसडीएम द्वारा पटवारी को भेजकर जांच कराई गई। पटवारी ने 30 से 35 बेड लगाकर कोरोना मरीजों का इलाज करना, ऑक्सीजन लगाने, कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं होने की बात बताई। इस पर सोमवार को एसडीएम और राजस्व की टीम अस्पताल पहुंची। एसडीएम और टीम ने देखा राजेंद्र सोलंकी मरीजों को चेक कर पर्ची पर दवाई लिख रहा है। मरीजों को ऑक्सीजन और ड्रिप भी लगा रहा है। 30 से 35 बेड के फर्जी अस्पताल में 7 मरीज थे। अस्पताल के साथ मेडिकल की दुकान भी चल रही थी।
एसडीएम और टीम द्वारा डॉक्टर से कागजात और डिग्री मांगे गए। साथ ही टीम ने कहा कि अगर कागजात यहां नहीं है तो सोशल मीडिया से मंगवा लो। इस पर झोलाछाप डॉक्टर ने धमकी भरे शब्दों में एसडीम को कहा “मैडम कमी मत रखना फिर मुलाकात होगी।” जब एसडीएम ने पूछा इसका क्या मतलब है तो एक दो- बार बोलता रहा।
एसडीएम ने पुलिस और बीसीएमओ को सूचना देने पर बीसीएमओ संजय शर्मा मौके पर पहुंचे। अस्पताल की जांच की और लाइसेंस व डिग्री मान्य संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं कराए जाने पर अस्पताल और मेडिकल शॉप को सीज कर दिया गया। और डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)