मुंबई, बृहन्मुंबई नगर पालिका (BMC) द्वारा एक्ट्रेस कंगना रनोट के घर को तोड़ने की कार्रवाई को बाम्बे हाईकोर्ट में अवैध तथा गैरकानूनी बताया
तथा इस कार्रवाई को गलत ठहराया। कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में यह कार्रवाई याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने से रोकने की कोशिश थी। हम किसी भी नागरिक के खिलाफ “मसल पावर” का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दे सकते।
अदालत में अवैध निर्माण के खिलाफ जारी किए गए बीएमसी के नोटिस को भी खारिज कर दिया, साथ ही कंगना को सार्वजनिक बयानों में संयम बरतने की हिदायत दी थी। कंगना ने BMC की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस एस जे कैथा वाला और आर आई छागला की बेंच ने फैसला सुनाया।BMC ने 9 सितंबर को कंगना के पाली हिल स्थित बंगले में बने ऑफिस के कई हिस्सों को अवैध बताते हुए तोड़ दिया गया था।
कंगना ने BMC से 2 करोड रुपए हर्जाना मांगा है। इस पर हाईकोर्ट ने नुकसान का पता लगाने के लिए सर्वेयर नियुक्त किया है। उन्हें मार्च 2020 तक रिपोर्ट सौंपनी है।
कंगना के वकील का दावा है कोर्ट के स्टे लगाने तक ऑफिस का 40% हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया था। जिन चीजों को नुकसान पहुंचा। उनमें झूमर, सोफा, दुर्लभ कलाकृतियां और कई कीमती सामान शामिल है।
कंगना ने हाईकोर्ट के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)