धन्यवाद🙏 दुबई गवर्नमेंट को 🙏
सूत्रों के अनुसार दुबईमें 70 मुसलमानोंने CAAके विरोधमें रैली निकाली।
दुबई सरकारने
सब पर तीन लाख जुर्माना ठोक कर भारत डिपोर्ट कर दिया आजीवन दुबईमें बैनके सर्टिफिकेटके साथ
मोदी जी का टॉप स्पिन गुगली :
ध्यान से पढ़ो और समझो
गृहमंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने सभी देशों को नोट भेज दिया है क़ी –
भारतीय पासपोर्ट केवल यात्रा का प्रमाणपत्र है
जो कि हवाई यात्रा, समुद्री जहाज यात्रा, इत्यादि के उपयोग का ही है।
यह नागरिकता कार्ड नहीं है।
यह एक बहुत पुराना नियम है जिसको अब उपयोग में लाया जाएगा।
भारत सरकार ने घोषणा कि है कि एक वर्ष में सभी नागरिकों को नागरिकता कार्ड दे दिया जाएगा।
अब खेल शुरू होता है – अधिकांश खाड़ी देशों ने सभी वर्कर्स को तत्काल प्रभाव से नागरिकता कार्ड रखना अनिवार्य कर दिया है।
इसका क्या अर्थ होगा ?
बांग्लादेशी, पाकिस्तानी,
और अन्य मुस्लिम या गैर मुस्लिम जो कि खाड़ी देशों में अधिकतर कार्यरत हैं,
वो 2 पासपोर्ट रखते हैं,
एक भारतीय
और दुसरा उनके देश का, ?
क्यों ?
क्यों कि भारतीय मजदूर को अधिक मजदूरी और मान-सम्मान खाड़ी में मिलता है।
पदोन्नति में भी भारतीय को पाकिस्तानी और बांग्ला देशी के मुकाबले प्राथमिकता मिलती है।
बांग्लादेशी और पाकिस्तानी के गर्दन पे छुरी यह है कि भारतीय पासपोर्ट तो बनवा लिया,
पर अब मोदी राज में नागरिकता कार्ड कहां से लाएंगे?
वो सब पकड़े जाएंगे और खाड़ी की जेलों में सड़ेंगे और खाड़ी से बाहर फेंक दिए जाएंगे,
जो की दूसरी वार कभी उस देश के अंदर नहीं जा पाएंगे,
यानी
4 करोड़ बांग्लादेशी मुसलमान
1.5 करोड़ अफगानी मुसलमान
2.5 करोड़ पाकिस्तानी मुसलमान
सबकी नौकरी तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाएंगी
और हज़ारों भारतीयों को नए और अच्छे जॉब्स मिलेंगे।
क्या मास्टर स्ट्रोक है न मोदी जी का ???
सभी खाड़ी देश इस निर्णय से खुश हैं,
क्योंकि अब उनके युवाओं को भी मौका मिलेगा।
इमरान खान ने तीन देशों का इसी कारण से दौरा रद्द किया हैं,
बांग्लादेश अपने नागरिकों को वापिस लेने को तैयार है,
क्योंकि यह उनका अन्तिम अवसर है जिन्हें खाड़ी में जेल जाने से बचाएगी।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)