सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नारको टेस्ट होना चाहिए, पीएम मोदी और गृहमंत्री से की मांग-
एनडीए गठबंधन में नागौर से सांसद और आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल एक बार फिर अपने बगावती बयानों से चर्चाओं में आ गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को फिर से अपनी पार्टी आरएलपी के सहयोगी दल भाजपा की बड़ी नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर मुख्यमंत्री गहलोत के साथ गठजोड़ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नायक टेस्ट होना चाहिए। कयोंकि विगत 22 वर्षों से इन दोनों के आपसी गठजोड़ से जनता त्रस्त है। दोनों ने एक दूसरे के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला है। उन्होंने आगे कहा कि गहलोत – वसुंधरा के गठजोड़ की सच्चाई जनहित में मजबूती से सामने आना आवश्यक है। इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इन दोनों के नारको टेस्ट की मांग करता हूं। गौरतलब है कि हनुमान बेनीवाल पीएम मोदी और अमित शाह पर पहले भी निशाना साधते रहे हैं। भी लगातार तीनों कृषि कानून बदलने की मांग कर रहे हैं।वही पहले भी वसुंधरा राजे पर बयान दे चुके हैं।
बेनीवाल ने कहा कि अशोक गहलोत व वसुंधरा राजे दोनों फौजदार कप्तान है। इनके गठजोड़ व कारनामें से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दोनों ने राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा का बंटाधार करने की सुपारी ले रखी है। बेनिवाल ने कहा कि हाल ही में राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की आपसी लड़ाई से सियासी संकट आया, उसमें राजे ने भाजपा का पक्ष लेने की बजाय गहलोत सरकार को बचाने मे पूरी मदद की। उनके सिपाही उस समय अक्सर गहलोत के आवास पर नजर आते थे। राजस्थान में खान घोटाले, माथुर आयोग बनाकर लीलापोती करना,एकल पट्टा प्रकरण, बजरी व परिवहन घोटाला, फन किगंडम स्कैम, सहित ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें गहलोत वसुंधरा ने एक दूसरे की मदद करके एक दूसरे को कानूनी कार्रवाई से बचाया। नागौर सांसद ने आगे कहा कि 2 वर्षों से प्रदेश में अपराध चरम पर है। महिला अपराधों से राजस्थान को शर्मसार होना पड़ा, इसके बावजूद वसुंधरा राजे का कोई बयान तक नहीं आया। कांग्रेस की तरफ से जब भी भाजपा पर आरोप लगे तब राजे अक्सर चुप नजर आई। यह बातें राजे और गहलोत के गठजोड़ की कहानी को बयां करती हैं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)