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- 5 जनवरी को टोंक रोड जाम करने वाली 12 आशा सहयोगिनी गिरफ्तार, मानदेय बढ़ाने के लिए 15 दिनों से दे रही थी धरना।
- बजाज नगर थाना प्रभारी रमेश सैनी ने दर्ज कराया मुकदमा, आज कोर्ट में पेश करेगी पुलिस।
जयपुर शहर में पिछले 15 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही 12 आशा सहयोगिनी को पुलिस ने बुधवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में बजाज नगर थाना प्रभारी रमेश सैनी मैं आपदा प्रबंधन अधिनियम, राजस्थान महामारी अध्यादेश व अन्य आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज कराया है।यह कार्रवाई 2 दिन पहले जयपुर में टोंक रोड पर लक्ष्मी मंदिर चौराहे के पास धरना देकर करीब ढाई घंटे तक रास्ता जाम करने के मामले में की गई है।
रिपोर्ट में थाना प्रभारी रमेश सैनी ने बताया कि प्रदेश भर से आई सैकड़ों आशा सहयोगिनी महिला कार्यकर्ता अपना मानदेय बढ़ाने व नियुक्ति को स्थाई करने सहित अन्य मांगों को लेकर जयपुर में पिछले 15 दिनों से गांधीनगर में महिला एवं बाल विकास के मुख्यालय के बाहर धरना दे रही है। 5 जनवरी को वह टोंक रोड पर आ गई,जहां धरने पर बैठकर रास्ता जाम कर दिया। इससे करीब ढाई घंटे तक रास्ता बंद रहा और सैकड़ों वाहन चालक परेशान रहे। इसके बाद आखिरकार एक प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय भेजा गया व इसके बाद समझाइश करने पर टोंक रोड पर धरना खत्म हुआ। इसके बाद पुलिस ने इन आंदोलन का नेतृत्व कर रही 12 आशा सहयोगिनी महिला कार्यकर्ताओं को चिन्हित किया। और कल देर रात को इनको गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें संघर्ष समिति की अध्यक्ष कौशल्या ढाका, संतोष यादव, गुड्डी वर्मा, अनुराधा देवी, मंजू टांक, निर्मला सेन, बबीता, सुमन यादव, कृष्णा, सुनीता चौधरी, शांति पारीक, सरोज पारीक और हीरा देवी हैं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)