खुशी कैसे मिले? सबको यही जानना है लेकिन क्या सिर्फ उम्मीद करना काफी है। कुछ कोशिश आप भी कीजिए।
आजमाईए ये तरीके तथा अपने जीवन में उमंग लाइए तथा जीवन खुशी खुशी जिये। जीवन में जिस तरीके से जीना जरूरी है उसी तरीके से खुश रहना भी जरूरी है। भौतिकवाद में खुशी नहीं है। आध्यात्मिकता में खुशी है। कुछ न होने में खुशी है। सब कुछ होने पर भी खुशी नहीं है।खुशी अथवा प्रसन्नता हमारा जीवन जीने का एक तरीका है। जीवन में आप जितने सरल व सादा रहेंगे उतना ज्यादा खुश रहेंगे। जितने सीधे तरीके से अपना जीवन जीयेगे उतने ज्यादा खुश रहेंगे। अच्छे लोगों के साथ रहेंगे तो जीवन में खुशी आएगी। लोगों की सहायता करेंगे तो जीवन में खुशी आएगी जो लोग अपने आप को चालाक समझते हैं तथा सीधे-साधे लोगों को ठगते हैं या बेवकूफ समझते हैं तो मित्रों खुशी भी उनसे बहुत दूर रहती है। छोटे बच्चों में कोई छल नहीं होता है तो वह बड़ों से ज्यादा खुश रहते हैं प्रसन्न रहते हैं जो लोग बात बात पर गुस्सा करते हैं या नकारात्मक प्रवृत्ति के लोगों से हमें दूरी बनाकर चलनी चाहिए। सेवा में भी प्रसन्नता छुपी हुई होती है। जीवन में सबसे कठिन कार्य बुजुर्गों की सेवा है। क्योंकि सेवा के लिए संयम चाहिए। संयम एवं प्रसन्नता में एक गहरा रिश्ता है। जीवन चक्र में नियमों व सिद्धांतों से आप खुश रह सकते हैं। इन सब के बावजूद मैं आपको कुछ तरीके बता रहा हूं जो शायद आपके जीवन में कुछ बदलाव कर सकें।
- हर दिन कम से कम 3 लोगों की सच्ची तारीफ करें।
- दूसरों से मिलती वक्त पहले आप हेलो बोलिए।
- हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कुराहट रखिए, तब भी जब आप खुश ना हो।
- हमेशा चीजों, काम को ज्यादा बेहतर हालत में छोड़े, जिस हालत में वह आपको मिली थी।
- अपनी जरूरतों को नीचे रखें।
- चीजों के लिए प्रार्थना ना करें, बुद्धि और हिम्मत के लिए प्रार्थना करें।
- दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें, जैसा आप खुद के साथ चाहेंगे।
- कभी हार मत मानिए, दुनिया में चमत्कार भी होते हैं।
- प्रतिदिन अपना दिन प्लानिंग से बिताईये, लक्ष्य निर्धारित कीजिए, प्रतिदिन काबिल बनने की कोशिश कीजिए, सफलता आपके पीछे-पीछे आएगी क्योंकि सफलता का सारथी काबिल व्यक्ति है।
- दिमाग सख्त और दिल नरम रखें।
- सूर्योदय देखिए। जीवन में धैर्य अपनाएं। धैर्य या संयम के लिए प्रतिदिन सुबह योगा करें।
- जितनी जरूरत हो, उससे ज्यादा दयावान बने।
- हमेशा अपना वादा निभाये।
- सकारात्मक प्रवृत्ति वाले मित्रों से समय-समय पर मिले अथवा फोन से बातें करें। परिवार को समय दे।
- याद रखिए विजेता वह कार्य करते हैं, जो हारने वाले नहीं करना चाहते हैं।
- आर्थिक सफलता के साथ-साथ सामाजिक सफलता का भी अपना अलग महत्व है।
- हम जब तक जिए बस खुश रहकर जीये। सेवा एक गुरु मंत्र है। वह अपने घर से ही शुरु होना चाहिए।
हम अपने न्यूज़पेपर में "जीवन जीने की कला" नामक की सीरीज शुरू करने वाले हैं। इसमें कुछ प्रेरक सच्ची घटनाओं का वर्णन किया जाएगा और जीवन जीने के रहस्य को समझने की कोशिश करेंगे। प्रतिदिन नई प्रेरक कहानियों के साथ-साथ कोशिश करेंगे कि आपके जीवन में हम उमंग ला सकें। और आपके जीवन से निराशा को दूर कर सकें।
हर्षवर्धन शर्मा (www.truefacts.com)