जयपुर के सिविल लाइंस में मंत्री रहते अलॉट किए गए बंगले अब तीनों पूर्व मंत्रियों को खाली करने नहीं पड़ेंगे। सिविल लाइंस स्थित यह बंगले सिर्फ मंत्रियों के लिए निर्धारित हैं। इसके बावजूद अब सरकार ने ऐसी गली निकाल ली है। जिसके रास्ते पूर्व में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बंगला भी खाली नहीं कराया गया था। असल में कांग्रेस के सत्ता में आने के साथ ही सचिन पायलट डिप्टी सीएम बनाए गए थे। उसी मंत्रिमंडल में विश्वेंद्र सिंह पर्यटन मंत्री और खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे रमेश मीणा बनाए रहे थे। जब पायलट के साथ यह दोनों मंत्री व विधायक नाराज हो कर चले गए थे। उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीनों को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद से ही यह चर्चा होने लगी थी, कि 6 माह में तीनों को दिए गए बंगले खाली करने होंगे। तीनों में से एक ने अपनी मर्जी से बंगला खाली नहीं किया। जिसे लेकर सरकार बेहद दुविधा में थी।
बता दे कि सरकार ने अब एक ऐसे रास्ते का उपयोग कर तीनों बंगलो को खाली नहीं कराने का फैसला लिया है।जिसका उपयोग कर पूर्व में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बंगला उनके निवास के रूप में बरकरार रखा गया था। असल में पूर्व में यह बंगले सिर्फ मंत्रियों के लिए हुआ करते थे। लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत तीन और विधायकों को विधायक कोटे से यह बंगले विधानसभा अध्यक्ष की ओर से विशेष अधिकार के तहत आवंटित किए गए थे। उसी रास्ते विधानसभा में अब सचिन पायलट समेत तीनों पूर्व मंत्री को यह बंगले नियमित करके उन्हें बरकरार रखे जाने की तैयारी कर ली गई है। इसी रास्ते के चलते अब तीनों मंत्रियों को अपने -अपने बंगले खाली नहीं करने पड़ेंगे।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)