Home Uncategorized एक बार फिर इंसानियत हुई शर्मसार भोपाल में हुआ निर्भया जैसा कांड-

एक बार फिर इंसानियत हुई शर्मसार भोपाल में हुआ निर्भया जैसा कांड-

by marmikdhara
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  • 24 साल की पीड़िता बोली वह शरीर नोंचता रहा और फिर सिर पर पत्थर से वार किया गिड़गिड़ाई रेप कर लो लेकिन जान से मत मारो।
  • पुलिस ने इसे छेड़छाड़ का मामला बता अपनी खानापूर्ति पूरी की।
  • पीड़िता की मां ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांगी मदद।
    भोपाल से कोलार इलाके में रहने वाली 24 साल की युवती से 16 जनवरी को जेके हॉस्पिटल के पास सड़क किनारे दुष्कर्म की कोशिश की गई युवती ने जब विरोध किया तो आरोपी ने उसके सिर पर पत्थर पटक दिया आरोपी द्वारा दिए गए जोर के धक्के से पीड़िता की रीड की हड्डी टूट गई जिस का एम्स में ऑपरेशन हुआ और 42 टांके आए लेकिन अब वह हिल भी नहीं सकती आइए जाने की आपबीती-
    “मैं 16 जनवरी की शाम करीब 7:30 बजे हर रोज की तरह इवनिंग वॉक पर निकली थी। जेके हॉस्पिटल से दानिशकुंज चौराहे की ओर सड़क किनारे जा रही थी। तभी अस्पताल से करीब 200 मीटर आगे नर्सरी के पास सामने से एक लड़का आता दिखा। करीब आते ही उसने तेजी से मुझे धक्का मारा। मैं सीधे सड़क किनारे 5 फीट गहरी खंती में गिरी, जिससे मेरी रीड की हड्डी टूट गई। मैंने जैकेट छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन उसने मुझे झटके से झाड़ियों में पटक दिया। वह मेरा शरीर नोचने लगा, दांतों से काटने लगा। वह दुष्कर्म की कोशिश कर रहा था। मैं हाथ पैर चलाकर बच रही थी‌। लेकिन वह पीट रहा था‌।
    मैं चिल्लाई तो उसने पत्थर उठाकर सिर पर कई बार मारा। मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या करूं। एक पल मुझे लगा कि यहां मुझे जिंदा नहीं छोड़ेगा। इसलिए जान बचाने के लिए मैं गिड़गिड़ाई, तू रेप कर ले, मैं नहीं चिल्लाऊंगी, ना किसी को फोन करूंगी। लेकिन पत्थर मत मारो। थोड़ी सांस तो लेने दो। उसने पत्थर मारना बंद कर दिया। 5 मिनट तक शरीर से बदसलूकी करता रहा। मैं हेल्प हेल्प चिल्लाई, शुक्र है मेरी आवाज वहां से निकल रहे एक युवक युवती ने सुन ली। दोनों झाड़ियों में घुस आए। दरिंदा उन्हें देखते ही मुझे अधमरा छोड़ भाग गया।
    पीड़िता ने आगे बताया कि “बेहोश होने से पहले सिर्फ इतना याद है कि उन दोनों ने किसी को फोन पर कार बुलाई और मुझे रख कर ले गए। वह मुझे एम्स लाए थे। मेरी रीड की हड्डी टूट चुकी थी। सिर में गहरी चोट थी। कई टांके भी आए। डॉक्टरों ने रीड की हड्डी में रोड लगाई है। ऑपरेशन तो हो गया, लेकिन मैं अब अपनी मर्जी से 1 इंच भी नहीं हिल पाती हूं। कमर के नीचे का बायां हिस्सा पैरालिसिस बीमारी से सुन हो गया है। बाया पैर बिना रुके हिलता रहता है। कम से कम अगले 6 महीने का हर एक सैकण्डं बिस्तर पर ही मुझे गुजारना होगा। जितना दर्द उस दरिंदे ने दिया, उतना ही पुलिस गुमराह कर रही है। कोलार पुलिस 17 जनवरी को एम्स पहुंची। उसने दानिशकुंज चौराहे के पास एक जूस सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्ड लिया, जिसमें आरोपी सामने से धक्का देते हुए दिख रहा है।”
    “पुलिस तीन दिन तक कहती रही कि आरोपी परिचीत ही होगा। लेकिन 20 दिन बाद अचानक उन्होंने बताया कि महाबली नगर के एक युवक ने गुनाह कबूल कर लिया है। उसे गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन आज तक उस शख्स को मुझे नहीं दिखाया। मैंने आरोपी की आवाज का ऑडियो मागां था, ताकि उसकी पहचान कर सकूं, लेकिन पुलिस ने यह भी नहीं दिया। यह जानलेवा हमला था, रेप की कोशिश थी, फिर भी पुलिस इसे सामान्य मारपीट का केस मान रही है। मेरी मां व्हीलचेयर पर, स्ट्रेक्चर पर मुझे थाने ले जाने के लिए तैयार है, ताकि मैं आरोपी की पहचान कर सकूं। लेकिन पुलिस ना तो आरोपी का फोटो दिखा रही है, ना ही आमना सामना करा रही है। मां ने बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मदद मांगी है। मैं चाहती हूं उसने मुझे जितना दर्द दिया, वह उतना ही तड़पे। इस साल दिवाली तक मैं नौकरी करती थी। मां को कोविड हुआ तो लौटना पड़ा। नौकरी चली गई और फिर हादसा हो गया।”
    कोलार थाने के टीआई सुधीर अरजरिया ने कहा कि घटना वाली जगह के पास से एक एक्टिव मोबाइल नंबर मिला था। जो हरियाणा के किसी लड़के का था। लेकिन उस लड़के का इससे कोई संबंध नहीं निकला। उसके बाद हमने दूसरे लड़के को गिरफ्तार किया, जिसकी जानकारी चश्मदीद ने दी थी। छेड़छाड़ के उस आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वह महाबली नगर का रहने वाला है।

अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)

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