मांसपेशियों का दर्द : काली मिर्च में मौजूद पिपेरीन के कारण रक्तसंचार बढ़ता है। इससे मांसपेशियों के दर्द से निजात मिलता है। तेल को हल्का गर्म कर के उसमें काली मिर्च मिलाएं और पीठ और कंधों की इससे मालिश करें। गठिया रोग में भी काली मिर्च काफी फायदेमंद साबित होती है।
हाजमे के लिए : काली मिर्च के कारण पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड ज्यादा पैदा होता है, जो हाजमे में मददगार होता है। इससे पेट में दर्द, पेट के फूलने और कब्ज में भी राहत मिलती है। अगर आपको एसिडिटी और गैस की समस्या है, तो लाल मिर्च को छोड़ दें और काली मिर्च का इस्तेमाल शुरू करें।
वजन संभाले : 2010 में हुए एक शोध के मुताबिक काली मिर्च शरीर की वसा को कम करने का भी काम करती है। इससे पाचन प्रक्रिया तेज होती है और कम समय में अधिक कैलोरी खर्च होती है। साथ ही यह शरीर से टॉक्सिन्स को निकाल बाहर करने में भी कारगर है।
डिस्प्रेशन में भी फायदेमंद : काली मिर्च के इस्तेमाल से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन बनता है, जो अच्छे मूड के लिए जिम्मेदार होता है। सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ने से डिप्रेशन में भी फायदा मिलता है। इसलिए अपने रोजमर्रा के खाने में काली मिर्च का इस्तेमाल करें और खुशमिजाज रहें।
खांसी जुकाम में : काली मिर्च इतना फायदा पहुंचाती है कि खांसी जुकाम से राहत दिलाने वाले कफ सिरप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद और अदरक के रस के साथ चुटकी भर काली मिर्च लेने से कफ कम होता है। चाय में मिला कर पीने से भी फायदा मिलता है।
भानु प्रकाश शर्मा (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)