सुनने की क्षमता बरकरार रखने में अनुलोम विलोम, कपालभाति, भस्त्रिकाऔर भ्रामरी प्राणायाम बहुत लाभकारी हैं। इनमें से भी भ्रामरी खासतौर पर अधिक उपयोगी है। इसे करने के लिए किसी आसन में बैठ जाएं। पूरा सांस भरें। सांसभरने के बाद अंगूठों से दोनों कानों को बंद कर लें और तर्जनी उंगलियों कोमाथे पर लगाएं। दोनों हाथों की बाकी तीन-तीन उंगलियां आंखों पर आ जाएंगी।इसके बाद सांस निकालें और भंवरे जैसी गूंज करें। इस तरह से 10 से 11 बाररोजाना करें। इसके अलावा जल नेति, सूत्र नेति और घृत नेति करने की भी सलाह दी जाती है, लेकिन ये क्रियाएं किसी अनुभवी योग गुरु से सीखकर ही करनी चाहिए।
भानु प्रकाश शर्मा (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)