मुंबई, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। जिन पर वसूली के आरोप लगे थे उसके मद्देनजर उन्होंने इस्तीफा दिया है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह की याचिका पर बाम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद अनिल देशमुख के इस्तीफे से महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने इस घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा है कि इस मामले में सभी प्रभावों की निष्पक्ष और ठीक ढंग से जांच की जानी चाहिए। इसमें शामिल लोगों को कानून के कठघरे तक लाया जाना चाहिए।
जांच निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि महाराष्ट्र गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में खामोश है। शरद पवार कहते हैं कि मंत्री के बारे में फैसला मुख्यमंत्री करते हैं। कांग्रेस और शिवसेना कहती है। कि अनिल देशमुख के बारे में फैसला एनसीपी करेगी। अनिल देशमुख ने शरद पवार से मिलकर मुख्यमंत्री को इस्तीफा दिया है। इस मामले में सभी प्रभावों की निष्पक्ष तरीके से जांच की जानी चाहिए। भाजपा उम्मीद करती है दोषियों पर कार्रवाई जरूर होगी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि निहितार्थ को समझिए।
रविशंकर प्रसाद में आ गए कहते हुए यह कहा कि शरद पवार जी देश के एक वरिष्ठ राजनेता हैं उन्हें अनिल देशमुख को पूरी तरह से क्लीनचिट देने के निहितार्थ को समझना चाहिए।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बचाने की कोशिश की।
वही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देने की जरूरत थी। उन्हें एनसीपी शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बचाने की पूरी कोशिश की गई थी। शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस्तीफा देने की इजाजत दे दी है, यह अच्छी बात है।
केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा महाराष्ट्र की यह सरकार पूरे 5 साल पूरे नहीं कर पाएंगी।
अठावले ने यह भी कहा कि भारत सरकार का कार्यकाल पूरा हो ना ऐसा लगता नहीं है। पूरे देश में कोरोना के 60-65 फीसदी मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं। कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। मैंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उद्धव ठाकरे खामोश क्यों हैं?
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा तभी हो जाना चाहिए था जिस समय उन पर आरोप लगे थे। उच्च न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप किया उसके बाद गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खामोश क्यों हैं?
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा यह पार्टी का फैसला है।
वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश के आने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की और अपनी इच्छा जाहिर की कि वे अपने पद पर नहीं रहना चाहते हैं। जिसके बाद पार्टी ने निर्णय लिया कि वह मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दे।
बाम्बे हाई कोर्ट ने गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ परमवीर मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए।
आज सोमवार को महाराष्ट्र पूर्व कमिश्नर परमवीर मामले में बाम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए। सभी आरोप गंभीर मामला सामने आने के बाद शरद पवार ने अजित पवार समेत अन्य नेताओं की बैठक बुलाई थी। यह बैठक शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत के एक ट्वीट के बाद बुलाया गया था। उल्लेखनीय है कि राउत ने कहा था, हमको नए रास्तों की तलाश है। इस ट्वीट के कई सियासी मायने निकाले गए। उसके बाद शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य नेताओं के साथ बैठक की और ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि शरद पवार को बड़ा फैसला ले सकते हैं। क्योंकि एनसीपी राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में गृह मंत्री का बचाव किया था।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)