अपनी मां के आक्रामक स्वभाव से परेशान उदयपुर के 11 वर्ष के मासूम बालक ने राज्य मानवाधिकार आयोग से मदद की गुहार लगाई है। राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजे गए पत्र में उसने कहा कि उसकी मां ना केवल उससे बल्कि उसके दादा दादी को भी प्रताड़ित करती है। ऐसी मां को पाबंद किया जाए कि वह उन्हें परेशान ना करें। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने उदयपुर एसपी को मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है।
उदयपुर के अरिहंत नगर निवासी 11 वर्षीय पार्थ सारथी पुत्र सिद्धार्थ चौधरी ने आयोग को भेजे गए पत्र में लिखा है कि मैं अपने दादा चंद्रसिंह व दादी डॉक्टर ज्योति चौधरी के साथ रहता हूं। मेरी मां मोनिका गुप्ता हमारे साथ नहीं रहती। मेरा लालन-पालन पिता वह दादा दादी ने मिलकर किया है। मेरी मां लगातार हमारे यहां आकर हम सभी को प्रताड़ित करती हैं। दादा दादी के साथ गाली गलौज करती है। दादी को डायन कहकर बुलाती है।
पार्थ ने आगे लिखा कि मां ने घर का पूरा माहौल बिगाड़ रखा है। मेरा जीना दूभर कर रखा है। मेरी मां के कारण मेरी पढ़ाई भी खराब हो रही है। ऐसे में मेरी मां को पाबंद किया जाए कि वह हमारे घर पर ना आए। साथ ही हमें प्रताड़ित करना बंद कर दें। आयोग के अध्यक्ष व्यास ने 11 वर्षीय मासूम की शिकायत पर उदयपुर के एसपी राजीव पचार को पत्र भेजा। साथ ही मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)