प्रदेश के 220 एटीएम मशीनों से करीब 1.63 करोड रुपए निकालने वाली गैंग को विधायकपुरी थाना पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। एडिशनल कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि गैंग से पूछताछ में सामने आया कि ऑनलाइन खाता खुलवाकर केवाईसी होने से पहले ही ट्रांजैक्शन करके धोखाधड़ी कर लेते थे। इन्होंने काफी पैसा मौज व शौक में खर्च किया है। रिकवरी के प्रयास किए जा रहे हैं।
डीसीपी क्राइम दिंगत आनंद ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों द्वारा मेव इलाके के साइबर अपराधियों से भी कुछ बैंक अकाउंट खरीदना सामने आया है। कई प्राइवेट बैंकों की पॉलिसी है कि वह एक खाते में दो तीन ट्रांजैक्शन एरर आते ही खाता ब्लॉक कर देते हैं। ऐसे में आरोपी तीन बार धोखाधड़ी करने के बाद एटीएम कार्ड तोड़ कर फेंक देते थे।
एसीपी सोहेल राजा ने बताया कि एटीएम से पैसे निकालने के बाद आरोपी मशीन का पावर सप्लाई बंद करके या कैश ट्रे में छेड़छाड़ करके पैसे निकाल लेते थे। तभी एरर आ जाता था। फिर बैंक कस्टमर केयर पर कॉल कर एरर की शिकायत दर्ज करा देते थे। एरर देखकर बैंक वापस पैसे डाल देता था। आरोपियों को पुलिस ने करीब 20 दिन पहले गिरफ्तार किया था। इन्हें वहीं से लाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पूरे प्रदेश भर के एटीएम में इन्होंने ठगी की है। जयपुर में एमआई रोड, सांगानेरी गेट, विधायक पुरी के कई एटीएम से पैसे निकाले हैं। पुलिस आरोपियों से रूपए रिकवर करने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने अजहर खान, शौकीन, तालीम, और रोबन को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने प्रदेश के 220 एटीएम से 1623 बार ट्रांजैक्शन करके 1.63 करोड रुपए निकाल लिए हैं।
आरोपी ऑनलाइन बैंक खातों में 10-10 हजार रुपए जमा कराते थे। फिर एटीएम में पिन और अमाउंट डालने के बाद जब राशि आने लगती तो मशीन का पावर सप्लाई बंद कर देते थे। जिससे निकाले गए पैसों का ट्रांजैक्शन खाते में दर्ज नहीं होता और यह दोबारा पैसे निकाल लेते थे।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)