जयपुर, राजस्थान की कांग्रेस सरकार में सियासी खींचतान का दौर जारी है। पायलट खेमे के विधायक हाईकमान से मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में जगह की लिए मांग कर रहे हैं। तो वही गहलोत समर्थक विधायक अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। तथा कह रहे हैं। जिन्होंने पार्टी का साथ दिया हाईकमान को उनकी ही सुननी चाहिए उन लोगों की हाईकमान को नहीं सुननी चाहिए जिन्होंने कांग्रेस सरकार को संकट में डाल दिया।
सचिन पायलट प्रियंका गांधी से मिलने का कर रहे हैं इंतजार।
सूत्रों के अनुसार दिल्ली में सचिन पायलट अभी भी कई दिनों से हाईकमान प्रियंका गांधी से मिलना चाहते हैं। लेकिन प्रियंका गांधी सचिन पायलट को समय ही नहीं दे रही हैं।
प्रियंका गांधी राजस्थान कांग्रेस की सियासी खींचतान से दूर शिमला में छुट्टियों का आनंद ले रही हैं।
जैसा कि सभी को मालूम है पिछले 5 दिनों से सचिन पायलट पार्टी आलाकमान से मिलने के इंतजार में बैठे हैं। लेकिन आज तक उन्हें मिलने का समय नहीं मिला है। वहीं दूसरी तरफ राजनीति के धुरंधर नेता तथा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना का बहाना देकर अगले 2 महीने तक किसी भी मीटिंग से दूर रहने का संदेश देकर साफ कर दिया है कि फिलहाल कुछ नहीं होगा। और इस तरीके से सचिन पायलट कर रहे हैं केवल इंतजार।
कांग्रेस नेता भंवर लाल शर्मा कल पायलट खेमे का किया था विरोध, गहलोत का किया था समर्थन।
कल कांग्रेस नेता भंवर लाल शर्मा ने कहा है कि अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं। वह मेरे नेता है और सचिन पायलट को भी अपना नेता मानना चाहिए। वही संदीप यादव ने तो पायलट खेमो के विधायकों को गद्दार तक कह दिया और कहा पार्टी से गद्दारी करने वालों की जगह हाईकमान को ऐसे गद्दारों से बात ही नहीं करनी चाहिए केवल उन लोगों की बात सुननी चाहिए जिन्होंने सरकार बचाई।
पायलट गुट के लोगों ने गहलोत समर्थकों को दिया जवाब।
वहीं दूसरी तरफ गहलोत खेमे पर पायलट खेमे ने पलटवार किया है। पायलट खेमे की तरफ से कहा गया है कि हमें गद्दार कहने वाले अपने अंदर झांके। दलबदलू नेता हमें ना समझे। पार्टी बदलने वालों को बोलने का हक नहीं है। कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के लिए संघर्ष जारी रहेगा। आलाकमान से बात करने में बुराई क्या है हम कार्यकर्ताओं का हक चाहते हैं। बीएसपी से कांग्रेसमें आए विधायकों ने भी तेवर दिखाए हैं। पूर्व मंत्री और उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा सरकार में बदलाव होना ही चाहिए।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)