पश्चिम बंगाल, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हुआ बवाल विधानसभा के अंदर तक देखने को मिला। राज्य विधानसभा का बजट सत्र का पहला दिन विधायकों के हंगामे की भेंट चढ गया। हालात इतने बिगड़े की राज्यपाल जगदीप धनखड़ अपना अभिभाषण पढ़े बिना ही वापस चले गए। हंगामा इतना बड़ा कि 5 मिनट में ही विधानसभा की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया।
किसी भी विधानसभा में बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से ही शुरु होता है। इसमें सरकार के कामकाज का ब्यौरा होता है। साथ ही सरकार की अहम योजनाओं की जानकारी भी दी जाती है। क्योंकि राज्य की सरकार राज्यपाल के नाम से चलती है। इसलिए सरकार की तरफ से तैयार किए गए अभिभाषण को राज्यपाल सदन में पढ़कर सुनाते हैं।
10 मई को शपथ के वक्त हिंसा पर नाराज हुए राज्यपाल-
बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 40 मंत्रियों ने 10 मई को शपथ ली थी। इस दौरान भी धनखड़ ने बंगाल हिंसा को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि हिंसा खत्म करने को लेकर राज्य सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दिखी। हालात बताते हैं कि सरकार भी यही चाहती थी। राज्यपाल बोले कि बंगाल में संविधान खत्म हो गया है। रात में हिंसा की खबरें मिलती है, और सुबह सब ठीक बताया जाता है।
राज्यपाल धनकड़ ने इससे पहले 5 मई को ममता के शपथ ग्रहण के दिन भी बंगाल हिंसा का मुद्दा उठाया था। साथ ही सीएम से अपील की थी कि हालात सुधारने के लिए जल्द कदम उठाएं। ममता ने कहा था कि नई व्यवस्था लागू होगी। 5 दिन बाद मंत्रियों के शपथ ग्रहण में राज्यपाल ने एक बार फिर हिंसा का मुद्दा उठाया, लेकिन इस बार पहले से ज्यादा तल्ख तरीके से।
28 जून को ममता ने राज्यपाल को भ्रष्ट कहा, धनकड़ का इस पर इनकार-
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 28 जून को राज्य के गवर्नर जगदीप धनखर पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ एक भ्रष्ट व्यक्ति है। उनका नाम 1996 के हवाला जैन मामले की चार्जशीट में था। मैंने उन्हें हटाने के लिए तीन बार लैटर लिखें।
ममता के आरोप पर कुछ ही देर बाद राज्यपाल धनकड़ ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक तौर पर कुछ गंभीर आरोप लगाए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि वे सनसनी फैलाने के लिए गलत जानकारी देनी है। किसी चार्जशीट में मेरा नाम नहीं है। ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। यह गलत सूचना है। मैंने हवाला चार्जशीट में किसी कोर्ट से स्टे नहीं लिया, क्योंकि ऐसी कोई चार्जशीट है ही नहीं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)