Home News पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स यानी पेटा लोगों से अपील की कि शाकाहारी बनो।

पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स यानी पेटा लोगों से अपील की कि शाकाहारी बनो।

by marmikdhara
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नई दिल्ली, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स यानी पेटा ने मीट इंडस्ट्री पर आरोप लगाया है कि जूनोटिक बीमारियों के लिए मीट इंडस्ट्री जिम्मेदार है। आइए आपको बताते हैं जेनेटिक बीमारियां होती क्या है? वह बीमारियां जो जानवरों से इंसानों में होती हैं वह जूनोटिक बीमारियां कहलाती है। अभी हाल ही में 2 हफ्ते पहले गुरुग्राम में बर्ड फ्लू की वजह से 11 साल के बच्चे की मौत हो गई थी। इसके कारण इस बीमारियों की चर्चा जोरों पर है।

पेटा शाकाहारी खाने को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए कहा है।

पेटा इंडिया ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि जूनोटिक रोगों के कारण ना केवल मुर्गियों, बल्कि बच्चों की भी जान जा सकती है। भारतीय संस्कृति में जो शाकाहारी भोजन की बात कही है। वैज्ञानिक तौर पर भी सही साबित होती है। शाकाहारी खाना खाने वाले व्यक्तियों को जूनोटिक बीमारियों से कोई लेना-देना ही नहीं होता है। इसलिए हमें अपने भोजन में शाकाहारी भोजन को पूरी तरीके से अपनाना चाहिए।

गुड़गांव में 11 साल के बच्चे की बर्ड फ्लू से हुई मौत।

पेटा इंडिया ने कहा कि गुरूगांव में एक 11 साल के बच्चे की मौत एज 5 एन1 बर्ड फ्लू से मौत हुई है। फिल्म फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स यानी पेटा इंडिया ने जनता को सावधान किया है कि पूरी तरह से शाकाहारी खाना अपनाने से ही इस बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं। इसके अलावा इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है।

अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान के पास एक बिल बोर्ड लगाया है।

बेटा इंडिया नेम अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान के पास एक बिल बोर्ड लगाया है, जहां पर बीमारी के बचाव के लिए बच्चे को लाया गया था। बिलबोर्ड में मीट इंडस्ट्री को घातक एच1 एन 1 स्वाइन फ्लू जैसी जूनोटिक बीमारियों के फैलने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

यह वायरस 60% लोगों के लिए घातक है।

पेटा इंडिया ने कहा है कि एच5 एन1 वायरस उन 60% लोगों के लिए घातक है जो इसके संपर्क में आते हैं।
इस साल की शुरुआत में रूस और चीन में पोल्ट्री फार्म के श्रमिकों में एवियन इनफ्लुएंजा के रूप में कई रूपों के साथ संक्रमण की सूचना मिली। इसके के साथ साथ ही डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि बीमारी या मृत पक्षियों से भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। अंडे में बाहर (खोल) और अंदर (सफेद और जदी) दोनों पर एच5 एन1 वायरस हो सकता है।

इसलिए पाठकों शाकाहारी भोजन को ज्यादा से ज्यादा अपनाएं। जहां तक हो सके बाहर की चीजों को ना खाएं और जो लोग शाकाहारी हैं ।अंडों का सेवन करते हैं वह भी अंडों का सेवन ना करें।

अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)

हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा) www.Marmikdhara.in.(Hindi)
www.Marmikdhara.com(English)

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