9 सितंबर गुरुवार को हरतालिका तीज और वराह जयंती मनाई जाएगी। भाद्रपद मास में यह दिन शिव शक्ति और भगवान विष्णु की पूजा के लिए अहम हैं। इस दिन तीज होने से महिलाएं सौभाग्य, समृद्धि और पति की लंबी उम्र के लिए शिवजी के साथ देवी पार्वती की पूजा और व्रत करेंगीं। इस दिन रोग दोष और परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु के शक्तिशाली वराह अवतार की पूजा भी की जाएगी। गुरुवार का दिन होने से और भगवान विष्णु का दिन होने से इसका महत्व और बढ़ जाएगा।
हरतालिका तीज।
इस दिन महिलाएं निराहार रहकर शाम के समय स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण कर पार्वती और शिव की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजन की संपूर्ण सामग्री से भगवान शिव एवं पार्वती का पूजन करती हैं। सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी वस्तुएं रखकर माता पार्वती को चढ़ाने का विधान है।
वराह भगवान विष्णु का तृतीय अवतार।
पुराणों में विष्णु के कुल 24 अवतार बताए गए हैं। मस्से और कश्यप के बाद तीसरा अवतार वराह (सूकर) है। इस अवतार में विष्णु भगवान का मुंह जंगली सूअर की तरह था। इस अवतार के जरिए इंसानी शरीर के साथ परमात्मा का पहला कदम धरती पर पड़ा। उस समय हिरण्याक्ष नाम के दैत्य ने अपनी ताकत से स्वर्ग पर कब्जा कर पूरी धरती पर अधिकार कर लिया था। भगवान वराह ने उस राक्षस को मारकर धरती को बचाया था।
विकास शर्मा (मार्मिक धारा)