राजस्थान में लंबित भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के साथ ही नकल पर नकेल कसने के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में प्रदेशभर के बेरोजगार जयपुर में 22 गोदाम पर धरना दे रहे हैं। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार बनने से पहले कांग्रेस के नेता बेरोजगारों की हर समस्या के समाधान की बात कहते थे। लेकिन ढाई साल का समय बीत जाने के बाद भी अब तक प्रदेश में लाखों युवाओं की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जिस की वजह से 22 सूत्री मांगों को लेकर मजबूरन आज हमें धरना देना पड़ रहा है।
एकीकृत महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी सरकार में बेरोजगारों के विरोध के बाद 23 फरवरी के दिन लिखित समझौता किया था। लेकिन 6 महीने का समय निकल जाने के बाद भी अब तक बेरोजगारों की मांग पूरी नहीं की गई है। जिसके बाद कोरोना के बावजूद भी आज मजबूरन प्रदेशभर के बेरोजगारों को अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ा। ऐसे में अगर समय रहते सरकार के नुमाइंदों ने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया तो बेरोजगारों का आंदोलन उग्र रूप धारण कर सकता है। जिसके लिए सिर्फ सरकार जिम्मेदार होगी।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के उपेन यादव ने बताया कि सरकार पिछले लंबे समय से लंबित भर्ती प्रक्रिया को पूरी नहीं कर रही है। जिसकी वजह से हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ रहा है। इसके साथ ही पिछले लंबे समय से नई भर्ती प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई है। जो राजस्थान के शिक्षित युवाओं के लिए परेशानी का कारण बन गई है।
राजस्थान में पेपर लीक होना बना छात्रों की परेशानी-
उपेन यादव ने बताया कि पिछले लंबे समय से राजस्थान में पेपर लीक प्रकरण आम छात्रों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। ऐसे में सरकार को इस पर सख्त कानून बनाना चाहिए। जिसके तहत जो भी व्यक्ति पेपर लीक करता है या फर्जी डिग्री का उपयोग करता है, उसे 10 साल की जेल और उसके संपत्ति जप्त होनी चाहिए। साथ ही राजस्थान में सरकारी नौकरी के दौरान इंटरव्यू प्रक्रिया भी समाप्त होनी चाहिए। ताकि आम छात्रों को योग्यता के आधार पर मौका मिल सके।
इससे पहले भी राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के पदाधिकारियों ने मंत्रिमंडल के साथ कमेटी की बैठक की थी। जिसमें बेरोजगारों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। जब बेरोजगारों की मांगें नहीं मानी गई तो राजस्थान के बेरोजगार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी को अपनी पीड़ा बताने पहुंच गए थे। इसके बाद भी आश्वासन दिया गया। लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गई। ऐसे में फिर से बेरोजगार आंदोलन की राह पर आगे बढ़ गए हैं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)