लालसोट, प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत लगे कैंप में न्याय की गुहार लगाने पहुंचे एक फरियादी को मदद की बजाय उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा का गुस्सा और डांट झेलनी पड़ी। फरियादी की बातों से बिफरे मंत्री ने यहां तक कह दिया कि पहले कहां मर गए थे। गेट आउट। इतना ही नहीं सुरक्षा में खड़े गनमैन को भी उसे शिविर से बाहर निकालने के आदेश तक दे दिए।
बता दे कि राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री व लालसोट विधायक परसादी लाल मीणा बुधवार को लालसोट उपखंड के लाडपुरा पंचायत में आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान में पहुंचे थे। शिविर में कर्णपुरा गांव निवासी बुजुर्ग मीठा लाल मीणा परिवार को लेकर मंत्री परसादी लाल मीणा से गुहार लगाने पहुंचा। फरियादी ने मंत्री परसादी लाल मीणा को बताया कि मीठालाल के जवान बेटे बुद्धिप्रकाश को 18 सितंबर 2019 को दो लोग लोहे का काम करवाने का आश्वासन देकर बहला-फुसलाकर महाराष्ट्र ले गए। अब वे लोग बेटे को गांव नहीं आने दे रहे हैं। अगर बेटा गांव जाने की बात करता है तो उसे जान से मारने की धमकी देते हैं। आखिरी बार बुद्धि प्रकाश से उसके बेटे की बात 2 नवंबर 2019 को हुई थी। इसके बाद कोई बात नहीं हो पा रही है। पीड़ित ने बताया कि इस संबंध में लालसोट थाने में दोनों लोगों के खिलाफ 10 दिसंबर 2019 को नामजद रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस ने 2 साल तक कोई कार्रवाई नहीं की।
ढांढस बांधने की बजाय बिफरे मंत्री-
पुलिस ने कुछ नहीं किया तो बुजुर्ग को प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत पहुंचे मंत्री से मदद की आस थी। फरियाद लेकर पहुंचे परिजनों ने बेटे को बदमाशों के चंगुल से छुड़ाने के लिए मीठालाल ने मंत्री परसादी लाल मीणा से गुहार लगाई। पीड़ित को ढांढस बांधने की बजाय उल्टा मंत्री उन पर बिफर पड़े, बोले 2 साल से क्या मर गया था, गेट आउट। फिर उन्होंने गनमैन को बुलाकर फरियादी को शिविर से बाहर निकालने के लिए कहा। वही मंत्री के पास में बैठे लालसोट प्रधान नाथूलाल मीणा ने भी पीड़ित से तू तड़ाके से बात कर शिविर से भगा दिया।
लाडपुरा प्रधान नाथू लाल मीणा का कहना है कि यह मामला लालसोट थाना क्षेत्र के अधिकार में नहीं है। उद्योग मंत्री ने पहले भी पुणे कमिश्नर को फोन पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। नाथूलाल मीणा का कहना है कि पीड़ित को गुमराह किया जा रहा है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)