अरब सागर में आए चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की देर रात राजस्थान में एंट्री हो गई। इस चक्रवात के राजस्थान में एंट्री से पहले ही दक्षिण-पश्चिमी जिलों बाड़मेर, जालोर, जैसलमेर में कल दोपहर बाद से तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई और कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई।
जोधपुर संभाग के अलावा इस तूफान का असर उदयपुर, अजमेर और जयपुर संभाग में देखने को मिला। इन संभाग के जिलों में रात करीब 10 बजे बाद आसमान में बादल छाए और 30 से 60KM स्पीड की हवाओं के साथ हल्की बारिश हुई। जालोर के ग्रामीण एरिया चितलवाना में 69MM बरसात दर्ज हुई।
मौसम विभाग की चेतावनी, ट्रेन कैंसिल
रेलवे ने बाड़मेर-जोधपुर के बीच संचालित पैसेंजर ट्रेन को दो दिन नहीं चलाने का फैसला किया है।
बाड़मेर, जालोर में निचले और जलभराव वाले चिह्नित एरिया में मुनादी करवाकर जगह खाली करने के निर्देश दिए। जैसलमेर के डाबला गांव से 100 परिवार के 450 लोगों को शिफ्ट किया है। तूफान प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने नरेगा के काम और महंगाई राहत शिविर रुकवा दिए।
राजस्थान में तूफान से सोलर प्लांट उखड़ने का खतरा
जोधपुर के भड़ला में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है। यहां अगर हवा की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा हुई तो सोलर प्लांट को भारी नुकसान हो सकता है। जोधपुर के शहरी क्षेत्र में भी इसका जबरदस्त असर देखा जाएगा। तूफानी हवाओं के बीच भारी बारिश से पानी जमा होने, बिजली के पोल टूटने और सड़कें तहस नहस हो सकती हैं। वहीं शहरी क्षेत्र में वाहनों को भी नुकसान हो सकता है।
इधर, पाली व नागौर दोनों जगह बहुत अधिक शहरीकरण नहीं है। इन जिलों में 17 जून को सबसे ज्यादा खतरा रहेगा। अधिकतर ग्रामीण इलाके हैं, जहां कच्चे मकानों, टीन शेड आदि बने हुए हैं। चक्रवात के दौरान इनके नीचे शरण लेने में जान का खतरा है। इन दोनों जिलों में पशु पालक बहुत अधिक हैं, अपने पशुओं को बचाने के लिए पक्की छत वाली चारदीवारी के भीतर बांधें।