राजस्थान फाॅर्मेसी काउंसिल में फर्जी दस्तावेजों के जरिए रजिस्ट्रेशन को लेकर चिकित्सा विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है। विभाग की ओर से सहायक औषधि नियंत्रक संजय सिंघल ने काउंसिल के तत्कालीन रजिस्ट्रार नवीन सांघी व अन्य के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के जरिए रजिस्ट्रेशन करने का अशोक नगर थाने में मामला दर्ज कराया है। इसके अनुसार काउंसिल में पहले तो फर्जी फाॅर्मेसी की डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट, मार्कशीट से फार्मासिस्ट के तौर पर पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कराया जाता था। बाद में कूटरचित तरीके से बनाई गई मेल आईडी से फर्जी ऑनलाइन सत्यापन करा पंजीकरण कर लिया जाता था। पिछले दिनों फूड सेफ्टी एवं ड्रग कंट्रोल कमिश्नरेट ने फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद जांच की गई थी, जिसमें 101 फर्जी रजिस्ट्रेशन होना सामने आया था।
हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और झारखंड के विश्वविद्यालयों के फर्जी डिप्लोमा और डिग्रियां तैयार कर उसके आधार पर फाॅर्मेसी काउंसिल से रजिस्ट्रेशन भी करा लिया गया था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसको गंभीर माना और इस मामले पर विभाग को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद चिकित्सा विभाग ने मामले में सख्ती की और अब अशोक नगर थाने में मामला दर्ज कराया है। इस मामले पर तत्कालीन रजिस्ट्रार नवीन सांघी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। एफआईआर में काउंसिल अध्यक्ष महावीर सोगानी पर भी आरोप है कि रजिस्ट्रेशन पर सह हस्ताक्षरी काउंसिल के अध्यक्ष वे थे। उन्होंने पद का दुरुपयोग कर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए फार्मासिस्टों के फर्जी रजिस्ट्रेशन किए, जिससे सरकारी फार्मासिस्ट की भर्ती प्रक्रिया बाधित हुई।
101 आवेदकों का फर्जीवाड़ा डेटा
45 अभ्यर्थियों ने वाई बीएन विवि रांची का डिप्लोमा, 14 ने आईईसी विवि सोलन हिमाचल प्रदेश का डिप्लोमा, 10 ने स्वामी विवेकानंद विवि सागर का डिप्लोमा, 22 ने आईएफटीएम विवि मुरादाबाद यूपी का डिप्लोमा अपने रजिस्ट्रेशन के आवेदन में लगाया।10 ने बिहार स्टेट फाॅर्मेसी कौंसिल में रजिस्ट्रेशन दिखाया, पर सर्टिफिकेट फर्जी था।
दो प्रकार से हुए फर्जीवाड़ा
जांच में सामने आया है कि काउंसिल में रजिस्ट्रेशन को लेकर दो प्रकार के फर्जीवाड़े सामने आए हैं। एक तो स्टेट ओपन स्कूल व नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ओपन स्कूलिंग की फर्जी अंकतालिकाओं से रजिस्ट्रेशन किया गया। दूसरा बाहरी राज्यों से डिग्री-डिप्लोमा की जांच सही तरीके से नहीं की गई।