पंजाब के बाद अब कांग्रेस हाईकमान राजस्थान की खींचतान दूर करने के लिए सरकार और संगठन में बदलाव पर फोकस कर रही है। मंत्रिमंडल फेरबदल से लेकर संगठन और सरकार के स्तर पर बड़े पैमाने पर अगले महीने से नियुक्तियों की शुरुआत हो सकती है। जनता को मैसेज देने के लिए कांग्रेस हाईकमान सभी मंत्रियों से इस्तीफे लेकर नए सिरे से मंत्रिमंडल बनाने के लिए कह सकता है। अभी इस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है।
राजस्थान के बदलावों पर अक्टूबर में शुरुआत तय मानी जा रही है। अभी तक दिल्ली में लॉबिंग और बैठकों का दौर जारी है। लेकिन कांग्रेस हाईकमान की स्तर पर फाइनल फैसला होना बाकी है। गहलोत मंत्रिमंडल के फेरबदल या विस्तार के साथ संगठन में खाली पड़े जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के पदों को भी भरा जाना है। इन सब पर अक्टूबर में ही फैसला लेने की तैयारी है।
नए सिरे से मंत्रिमंडल बनाने का फार्मूला आखिर क्यों?-
सभी मंत्रियों से इस्तीफे लेकर नए सिरे से मंत्रिमंडल बनाए जाने के फार्मूले पर इसलिए चर्चा हो रही है ताकि जनता में मैसेज दिया जा सके। इससे मंत्री पद से हटाने और शामिल करने से जुड़े विवाद भी कम हो सकते हैं। इसे पार्टी के अंदरूनी सियासी समीकरण भी सधेगे। नॉन परफॉर्मर मंत्री आसानी से हट जाएंगे। लॉबिंग करने का समय नहीं मिलेगा। आगे चुनाव के हिसाब से सभी सियासी समीकरणों को साधना आसान होगा। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी बदलाव चाहते हैं। ताकि चुनाव से पहले सरकार और संगठन में रिजल्ट ओरिएंटेड टीम तैयार हो सके।
सचिन पायलट खेमे के विधायकों को भी मंत्रिमंडल में एडजस्ट करना है। पिछले साल बगावत के बाद सचिन पायलट को डिप्टी सीएम से और उनके 2 समर्थकों रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था। पायलट अब 4 से ज्यादा मंत्री पद मांग रहे हैं।
मंत्रिमंडल फेरबदल के सेट पैटर्न पर भी होगा मंथन-
मंत्रिमंडल फेरबदल के हालात में नॉन परफॉर्मर मंत्रियों को हटाकर उनकी जगह नए चेहरों को मौका देने के फार्मूले पर भी चर्चा हो रही है। इस फार्मूले में हटाए जाने वाले मंत्रियों से इस्तीफे लेकर उनकी जगह दूसरे विधायकों को जगह दी जाएगी। हर कार्यकाल में ऐसा होता रहा है।
केवल खाली जगह भरने का विकल्प, लेकिन इस पर राहुल गांधी सहमत नहीं-
गहलोत मंत्री परिषद में अभी सीएम सहित 21 मंत्री हैं और 9 मंत्री और बनाए जा सकते हैं। 200 विधायकों के हिसाब से 15 फ़ीसदी मंत्री बन सकते हैं। राजस्थान में सीएम को मिलाकर 30 की सीलिंग है। एक फार्मूला यह भी है कि किसी को नहीं हटाकर खाली जगहों पर नए मंत्री बना दिए जाएं। केवल विस्तार पर राहुल गांधी तैयार नहीं है। जानकारों के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत इस तीसरे फार्मूले को ज्यादा अहमियत दे रहे हैं, लेकिन इससे राहुल गांधी तैयार नहीं होंगे।
सचिन पायलट की नई जिम्मेदारी पर भी होगा फैसला-
राजस्थान के बदलाव में मंत्रिमंडल फेरबदल के साथ सचिन पायलट को संगठन में जिम्मेदारी देने पर भी फैसला होगा। सचिन पायलट दो बार राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। पायलट को राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में पद दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन उस पर अभी अंतिम फैसला होना बाकी है। सचिन पायलट के साथ उनके समर्थक नेताओं को भी सत्ता और संगठन में मिलने वाले पदों पर फैसला होगा। पिछले साल बगावत के बाद हुई सुलह में तय हुए मुद्दों पर भी अभी फैसला बाकी है। जानकारों के मुताबिक सचिन पायलट ने हाईकमान के सामने मांग रखी है कि पहले उनके समर्थकों को सरकार और संगठन में हिस्सेदारी दी जाए। उसके बाद ही उन्हें कोई जिम्मेदारी दे। राजनीतिक तौर पर यही सही है।
अक्टूबर के पहले सप्ताह में गहलोत कर सकते हैं दिल्ली का दौरा-
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अक्टूबर के पहले सप्ताह में कभी भी दिल्ली दौरे पर जा सकते हैं। गहलोत से दिल्ली जाकर हाईकमान से मिलते ही बदलाव के फार्मूले को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष से समय तय होते ही मुख्यमंत्री गहलोत दिल्ली जाएंगे। सियासी हलकों में गहलोत के दिल्ली दौरे पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)