अलवर, अलवर के थानागाजी के एसएचओ राजेश वर्मा शुक्रवार को निलंबित हो गया है। अलवर थानागाजी के एसएचओ की लगातार भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों के बाद अलवर पुलिस तेजस्विनी गौतम ने शुक्रवार को थानागाजी एसएचओ राजेश वर्मा को निलंबित कर दिया।
सूत्रों के अनुसार थानागाजी एसएचओ राजेश वर्मा की खासियत है। यह अधिकारियों से सामंजस्य बनाकर लगातार अपने पद पर बना हुआ था। जिसके कारण इसके कारनामे उच्चाधिकारियों तक नहीं पहुंच पाते थे। इससे पहले यह कठूमर थाने में इंचार्ज था। वहां भी उसके भ्रष्टाचार के कारनामे जगजाहिर थे। (नाम न छापने की शर्त पर) एक पीड़ित मां ने बताया कोरोना काल में मेरे बेटे को हत्यारों ने मार कर कुएं में डाल दिया। जब वे हत्यारे उसकी हत्या कर रहे थे। पीड़िता के जेठ यह नजारा आंखों देखा था। वह हत्यारों की तरफ भागे जब तक वह पीड़िता के बेटे को कुएं में डाल चुके थे। घटनास्थल पर उन हत्यारों को पकड़ लिया गया। घटनास्थल पर पकड़े जाने के बाद भी SHO राजेश वर्मा ने उन हत्यारों को बचा लिया। तथा अपनी जांच में उस मृतक नौजवान की हत्या को आत्महत्या में बदल दिया।(यह केस न्यायालय अधीन है।)
SHO राजेश वर्मा ने कोरोना काल का फायदा लेते हुए। पूरे गांव के कहने के बावजूद लोगों को इकट्ठा नहीं होने दिया और यह कारनामा कर दिया।
राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ऐसे अधिकारियों को कभी नहीं छोड़ेंगे। ऐसी उम्मीद करते हैं। ऐसे अधिकारी गरीबों एवं बेसहारा की नहीं सुनते हैं। ऐसे अधिकारियों के साथ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अधिकारी पुलिस विभाग के लिए कलंक है।
अलवर जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम कार्रवाई सराहनीय है। यदि ऐसे भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो तो पुलिस की छवि सकारात्मक बनेगी।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)