जयपुर, केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा पर राजस्थान कांग्रेस सरकार ने केंद्र पर सियासी हमला बोलते हुए निशाना साधा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उपचुनाव में हुई करारी हार के बाद केंद्र सरकार ने यूपी समेत पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव में हार की आशंका और घबराहट के चलते यह फैसला लिया है। उन्होंने इस जीत के लिए किसानों को बधाई देते हुए इसे केंद्र सरकार के अहंकार और घमंड की हार बताया। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी में केंद्र सरकार के खिलाफ फैसला आने वाला था, जो केंद्र को पता चल गया। आखिर कोर्ट कब तक मैनेज करते। उपचुनाव के परिणाम और आगामी विधानसभा चुनाव में हार की आहट में यह फैसला लिया गया है। अब केंद्र सरकार को किसानों की आय दोगुनी करने पर ध्यान देना चाहिए।
राजस्थान विधानसभा ने पहले ही खारिज कर दिए थे तीनों काले कानून-
गहलोत ने कहा कि देश की आजादी के बाद इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखने को मिला कि अन्नदाता किसानों को 1 साल से ज्यादा वक्त तक सड़कों पर संघर्ष करना पड़ा हो। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान बॉर्डर पर बैठे किसान पूरे देश की भावनाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार उसे समझने में फेल रही। संघर्ष चलता रहा और सैकड़ों किसान मारे गए। राहुल गांधी और विपक्षी पार्टियों को राष्ट्रपति से मिलना पड़ा, लगातार संघर्ष में साथ देना पड़ा।
विपक्षी पार्टियों की मांग को केंद्र सरकार ने नहीं सुना। केंद्र की सत्ता में बैठे लोगों की प्रकृति में है कि वह अहम, घमंड में रहे। आज प्रधानमंत्री को मजबूर होकर तीनों कृषि कानून वापस लेकर देशवासियों को संदेश देना पड़ा है। तीनों कानूनों को राजस्थान की विधानसभा ने तो पहले ही खारिज कर दिया था। यह देश के किसानों की भारी और शानदार जीत है। मैं अपनी और प्रदेश वासियों की ओर से किसानों को बधाई देता हूं।
केंद्र सरकार की विश्वसनीयता हुई खत्म-
किसान नेता अभी तीनों कृषि कानून वापस लेने पर संसद में फैसला लेने की मांग कर रहे हैं। इस पर अशोक गहलोत ने कहा कि जब सरकार की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है। मीडिया में बोलने का मतलब है कि आम आदमी बोल रहा होगा। यह भावना पैदा हो रही है कि प्रधानमंत्री घोषणा करने के बाद भी पता नहीं क्या करेंगे। कोई रास्ता निकाल लेंगे या पार्लियामेंट में क्या करेंगे। यह विश्वसनीयता के संकट की बात है।
यूपी चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों को बूथ मैनेजमेंट के काम पर लगाया-
अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की इनकम दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन तीनों काले कानून मिले। तीन कृषि कानून वापस लेने के फैसले को हमें कल रात को ही आभास हो गया था, क्योंकि यूपी में प्रधानमंत्री आज से 3 दिन के लिए चुनाव में जीत के लिए डेरा डाल रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संभाग बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी गई है। इस बात से अंदाजा लगा लेना चाहिए कि आज कानून वापस लेने का फैसला भी चुनाव हो रहा है। केंद्र सरकार को मालूम है कि अगर यूपी में चुनाव हार गए तो 2024 में भी कामयाब होने का सपना ही रह जाएगा। इसलिए बीजेपी पूरी ताकत झोंक रही है।
सुप्रीम कोर्ट कमेटी का केंद्र सरकार के खिलाफ फैसला आने की आशंका-
प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी केंद्र सरकार के खिलाफ फैसला देने वाली है। यह केंद्र को पता चल गया। कोर्ट को तब तक मैनेज करते। इसकी भी एक लिमिटेशंस होती है। अब देश के सामने सब कुछ उजागर हो गया है। उपचुनाव में हार और आगामी विधानसभा चुनाव में हार थी घबराहट में तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला लिया है। अब केंद्र सरकार को किसानों की आय दोगुनी करने के वादे पर ध्यान देना चाहिए। डोटासरा ने कहा कि आज किसानों की एकता की जीत हुई है। मोदी और अमित शाह का घमंड और षड्यंत्र हारा है। आज भी मोदी जी को आंदोलन करते हुए शहीद हुए 700 किसानों को नमन करना चाहिए। देश और अन्नदाता से माफी मांगनी चाहिए। देर आए दुरुस्त आए। लेकिन हमें अभी भी यह लगता है कि केंद्र के मन में बेईमानी है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)