जयपुर, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और सत्ता पक्ष के बर्ताव से नाराज होकर विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के दूसरे दिन स्पीकर सीपी जोशी मान गए हैं। मनाने के बाद सीपी जोशी की नाराजगी दूर हो गई है। और अब कल से विधानसभा की कार्रवाई शुरू होगी। 17 और 18 सितंबर को विधानसभा की कार्रवाई चलेगी। इस बार शनिवार को भी कार्रवाई चलेगी। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने एक न्यूज़ मीडिया से कहा कि कल से सदन चलेगा। सदन का कामकाज पहले से तय है। वह पूरा होगा।
शुक्रवार और शनिवार 2 दिन में 9 बिल पारित किए जाएंगे-
शुक्रवार और शनिवार 2 दिन में 9 बिल पारित किए जाएंगे। कल 11:00 बजे से सदन की कार्रवाई प्रश्नकाल के साथ शुरू होगी। इसके बाद कल 1300 सौ करोड़ से ज्यादा की अलग-अलग विभागों से जुड़ी सप्लीमेंट्री डिमांड्स को पारित करवाया जाएगा। कल सप्लीमेंट्री डिमांड्स को पारित करने के साथ विनियोग विधेयक, एफआरबीएम संशोधन विधेयक, रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक और एमबीएम विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पारित किए जाएंगे। शनिवार को प्रश्नकाल नहीं होगा। शनिवार को पंचायती राज संशोधन विधेयक, दंड विधियां संशोधन विधेयक, कृषि विश्वविद्यालय की विधियां संशोधन विधेयक और भू राजस्व संशोधन विधेयक बहस के बाद पारित होंगे।
नाराज स्पीकर ने अचानक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी थी विधानसभा की कार्रवाई-
विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कल संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और सत्ता पक्ष के आचरण से नाराज होकर बीच में अचानक विधानसभा की कार्रवाई को स्थगित कर दिया था। हंगामा शांत होने के बाद स्पीकर ने कार्यवाही आगे बढ़ाई तो शांति धारीवाल बीच में उठकर बोलने लगे। जोशी के बार-बार कहने के बावजूद नहीं बैठे। बहस करने लगे। इससे स्पीकर इतने नाराज हुए कि अचानक सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इससे सत्तापक्ष सकते में आ गया। क्योंकि विभागों में किए गए तेरह सौ करोड़ से ज्यादा के अतिरिक्त खर्चों की विधानसभा में मंजूरी लेने के लिए सप्लीमेंट्री डिमांड्स पारित नहीं हुई थी। बाद में कई मंत्रियों के मनाने पर स्पीकर नहीं माने। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पीकर से फोन पर बात की। उसके बाद सीपी जोशी मान गए।
पूरे मामले में सरकार की हुई फजीहत-
स्पीकर ने सत्तापक्ष से नाराज होकर पहली बार सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इस पूरे प्रकरण में सरकार की फजीहत हुई। सत्ता पक्ष का फ्लारे मैनेजमेंट पूरी तरह विफल दिखा। सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकारी पक्ष की ज्यादा होती है। लेकिन कल मंत्री ही उकसाने में आगे थे। स्पीकर इसी पर नाराज हुए।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)