एक अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए जन्म स्थान व जन्म तिथि के प्रमाण के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। जन्म एवं मृत्यु पंजीयन कानून में एकल माता-पिता व अविवाहित मां द्वारा गोद लिए गए बच्चे, अनाथ, सरोगेसी से जन्मे बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में आने वाली समस्याओं का समाधान भी कर दिया गया है।
जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर शिकायतों पर सुनवाई के लिए अलग से एक सिस्टम बनाया जाएगा। घर पर जन्म या मृत्यु के मामले में प्रमाण पत्र के लिए रजिस्ट्रार को 30 दिन में सूचना देनी होगी। ऐसे मामले में प्रमाण पत्र के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन सूचना देने में 30 दिन से लेकर एक साल तक की देरी होने पर 50 रुपए बिलंब शुल्क लगेगा और पंजीकरण भी जिला रजिस्ट्रार की अनुमति से ही हो सकेगा। एक साल से अधिक समय तक पंजीकरण नहीं कराने पर सौ रुपए का बिलंब शुल्क लगेगा और उसकी अनुमति भी कार्यपालक मजिस्ट्रेट ही दे सकेगा।