चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण राजस्थान में हुई भारी बारिश और बाढ़ से मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले तीन दिन में इस आपदा से 7 लोगों की जान जा चुकी है। बिपरजॉय को अरब सागर से आए अब तक के तूफानों में सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जा रहा है। ये लगातार 13 दिन एक्टिव रहा। इससे सबसे ज्यादा बारिश हुई। यही कारण है कि मानसून के आने से पहले राजस्थान में पहली बार बाढ़ देखने को मिली है।
जालोर, सिरोही, बाड़मेर और राजसमंद में बाढ़ के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की मदद लेनी पड़ी। मानसून से पहले बरसाती नदियां उफान मारने लगी। बांधों में पानी की आवक शुरू हो गई। पिछले 24 घंटे के दौरान अजमेर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सिरोही,उदयपुर समेत कई जगह भारी से अतिभारी बारिश दर्ज हुई।
इस चक्रवात के कारण सबसे ज्यादा बरसात जालोर में हुई। यहां 36 घंटे के दौरान 456MM यानी 18 इंच बरसात हुई है। इसी तरह आहोर (जालोर) में 471, भीनमाल 217, रानीवाडा 322, चितलवाना 338, सांचोर 296, जसवंतपुरा 332, बागोडा में 310 और सायला में 411MM बरसात रिकॉर्ड हुई है। इस कारण जालोर में हालात बेकाबू हो गए।
भारी बारिश के कारण ट्रेनें रद्द, रूट बदलकर चलाया
जालोर, सिरोही, राजसमंद समेत कई जगह भारी बारिश के कारण सड़क और रेल मार्ग प्रभावित हो गया। रेलवे ने जोधपुर से होकर जालोर के रास्ते जाने वाली 11 ट्रेनों का संचालन 19 जून तक रद्द कर दिया है। जबकि तीन ट्रेन को मारवाड़ जंक्शन, पालनपुर होकर संचालित किया। वहीं उदयपुर-अजमेर के रूट पर चलने वाली 10 से ज्यादा गाड़ियां आधा से लेकर 2 घंटे तक की देरी से संचालित हुई।