दिल्ली, केंद्र सरकार ने “नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेंनिंग स्कीम“को आगे के 5 साल और बढ़ाने की घोषणा की है। इसकी जानकारी भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के माध्यम से बताया।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस ट्रेनिंग स्कीम की मदद से 9लाख युवाओं को सीखने और कमाने का मौका मिलेगा। सरकार की इस स्कीम के जरिए युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि रोजगार प्राप्त कर सकें।
केंद्र सरकार के अनुसार “नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेंनिंग स्कीम”(NATS) को अगले 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके लिए सरकार 3054 करोड़ रुपए की सहायता राशि देगी। इस प्रोग्राम के अंतर्गत 9 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। सरकार का कहना है कि इस प्रोग्राम के चलते अगले 5 साल में 7लाख युवाओं को रोजगार देने में मदद मिलेगी।
युवाओं को कितना मिलेगा स्टाइपेंड।
NATS प्रोग्राम में जिन युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। वे ₹8000-9000 का स्टाइपेंड पा सकेंगे। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में इंजीनियरिंग फॉर्मेलिटीज साइंस और कॉमर्स के छात्रों को शामिल किया जाएगा। सरकार की योजना के अनुसार अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले छात्रों को मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल डिवाइसेज मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में ट्रेनिंग दी जाएगी।
केंद्र सरकार इस स्कीम में कितना पैसा खर्च करेगी।
केंद्र सरकार ने अगले 5 वर्षों के लिए इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को 3000 करोड रुपए खर्च करने की मंजूरी दी है। यह राशि पिछले 5 वर्षों की खर्च से 4.5 गुना अधिक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अप्रेंटिसशिप पर जोर देने की वकालत की गई है। इसके अनुसार NATS प्रोग्राम पर खर्च होने वाली राशि को बढ़ाया गया है। इसके लिए सरकार ने अलग-अलग विषयों के छात्रों को अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग देने की सुविधा शुरू की है। यह ट्रेनिंग पर्टिकुलर कोई एक सब्जेक्ट में ना होकर विभिन्न फैकल्टी के छात्र इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे जैसे आर्ट्स साइंस कॉमर्स और इंजीनियरिंग के छात्र इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होंगे। इस स्कीम का उद्देश्य है छात्रों की कौशल क्षमता को बढ़ाकर रोजगार पाने लायक बनाना है। अगले 5 साल में इस से 7लाख युवाओं को रोजगार दिया जा सकेगा।
कौन-कौन से छात्रों को मिल सकेगी यह ट्रेनिंग।
इस स्कीम के तहत छात्रों को मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल डिवाइसेज मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में ट्रेनिंग देकर प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) से जोड़ा जाएगा। पीएलआई स्कीम से जुड़ने के बाद ट्रेनिंग पाए युवक खुद का रोजगार शुरु कर सकते हैं। “आत्मनिर्भर भारत“की दिशा में यह कारगर कदम हो सकता है। स्कीम की मदद देश में कुशल और ट्रेंड लोग तैयार होंगे जिसकी मदद कंपनियां उद्योग क्षेत्र ले सकेंगे। औद्योगिक क्षेत्र में नौकरियों की मांग बढ़ेगी जिससे रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार ने अभी हाल में गति शक्ति मिशन शुरू किया है जिसके लिए भविष्य में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत होगी। अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम में ट्रेनिंग पाई हुआ गति शक्ति मिशन में जुड़ सकेंगे।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)