कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने एक चुनावी संवाद से अचानक विवादों में आ गई है। उन्होंने बुधवार को चित्रकूट में मंदाकिनी नदी किनारे रामघाट पर महिलाओं से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने “उठो द्रोपदी शस्त्र संभालो” काव्य की पंक्तियां पड़ी, लेकिन इस कविता को लिखने वाले कवि पुण्यमित्र उपाध्याय ने आपत्ति जता दी है। पुण्यमित्र ने प्रियंका पर कविता चोरी करने का आरोप लगाया है।
पुण्यमित्र ने कहा “कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?”-
पुण्यमित्र ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के उस पोस्ट को री-ट्वीट भी किया है। जिसमें उन्होंने प्रियंका गांधी का वीडियो शेयर किया था। पुण्य मित्र ने लिखा “प्रियंका जी यह कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी, ना कि आपकी घटिया राजनीति के लिए। ना तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको यह अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनीतिक उपयोग करें। कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?”
पुण्यमित्र उपाध्याय ने आगे कहा “2012 में निर्भया प्रकरण पर लिखी गई कविता का संदेश और आहृन आपकी राजनीतिक कुंठाओं से उससे अलग और व्यापक है। राजनीतिक संस्थानों से अनुरोध है कि कविता का प्रयोग क्षुद्र राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए करके इसे मर्म को दूषित ना करें।”
प्रियंका गांधी ने कहा था-राजनीति में आजकल बहुत क्रूरता-
प्रियंका गांधी ने बुधवार को चित्रकूट में मत्स्यगजेंद्रनाथ मंदिर में पूजा पाठ कर मंदाकिनी नदी के रामघाट पर महिलाओं से संवाद किया था। यहां उन्होंने कहा राजनीति में आजकल बहुत क्रूरता और हिंसा है। लखीमपुर में मंत्री जी बेटे ने किसानों को कुचल दिया, सरकार ने अत्याचारी की मदद की। आशा बहनों को प्रशासन ने अपनी मांगों को उठाने पर बुरी तरह पीटा।
प्रियंका ने आगे कहा “जब आप का शोषण किया जा रहा है और आप पर अत्याचार किया जा रहा है। आप को पीटने वालों से अपना हक मांगेंगे तो वह कभी नहीं मिलेगा। अपने हक के लिए लड़ना पड़ेगा। जो सरकार आपके लिए कुछ भी नहीं कर रही है तो उसे आज ही क्यों बढ़ाना? इसी वक्त उन्होंने कवि पुण्यमित्र की कविता का इस्तेमाल अपने भाषण में किया था।
कविता पाठ का यह मामला सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ता जा रहा है। कोई प्रियंका गांधी के बहाने कांग्रेस को आड़े हाथों ले रहा है तो कोई माफी मांगने की वकालत कर रहा है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)