संपूर्ण विश्व पटल पर छाए हुए अफगान संकट को लेकर आज G-7 कि वर्चुअल मीटिंग आयोजित की जाएगी।
तालिबान को मंजूरी देने पर या प्रतिबंध पर फैसला होगा। विदेशी राजनयिकों ने वाशिंगटन में कहा कि सहयोगी ही इस बैठक का मुख्य उद्देश्य होगा। जी 7 की इस बैठक के दौरान इस बात पर सहमति जताई जाएगी।कि तालिबान पर फैसले के दौरान आपसी सहयोग पर ध्यान रखा जाएगा सहयोगी देश साथ मिलकर काम करेंगे।
इस गुट के सहयोगी देश अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और जापान के नेता तालिबान की महिलाओं के अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का सम्मान करने के लिए जोड़ दिया गया है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। इस बैठक के बादपर के संगठित आधिकारिक मान्यता या नए प्रतिबंधों का उपयोग कर सकते हैं।
इस बैठक में नाटो महासचिव जेन स्टोलटेनवर्ग, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी शामिल होंगे।
चर्चा के मुख्य बिंदु
1-शरणार्थी समस्या का समाधान
G-7 के नेता बैठक में अफगानी शरणार्थियों पर प्रतिबंध या उनके पुनर्वास के फैसले पर भी आपसी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध होंगे। ब्रिटेन की राजनयिक ने कहा है। हम यह नहीं चाहते कि अफगानिस्तान आतंक को पनाह देने वाला देश बने और यहां की धरती आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की जाए।
2- 31 अगस्त तक डेड लाइन पर भी वार्ता।
G-7 की बैठक में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को कुछ और दिन बनाए रखने की मांग की जाएगी। जिसमें अफगानिस्तान में फंसे पश्चिमी देशों के नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। वहीं तालिबानियों का कहना है। कि विदेशी सेनाओं ने समय बढ़ाने के लिए नहीं कहा है और अगर समय बढ़ाने के लिए कहते हैं। तो इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।
विकास शर्मा (मार्मिक धारा)