देश के जाने-माने गांधीवादी विचारक डॉक्टर एसएन सुब्बाराव का आज सुबह निधन हो गया। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में सुब्बाराव ने अंतिम सांस ली। डॉक्टर सुब्बाराव को पिछले सप्ताह ही s.m.s. अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कल शाम उन्हें हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद सुबह उनका निधन हो गया। सुब्बाराव का कल मध्य प्रदेश के मुरैना के पास जौरा आश्रम में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
डॉ सुब्बाराव की पार्थिव देह को विनोबा ज्ञान मंदिर में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत कई नेताओं ने विनोबा ज्ञान मंदिर पहुंचकर डॉ सुब्बाराव को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल सुबह अंतिम संस्कार में शामिल होने जौरा आश्रम पहुंचेंगे। डॉ सुब्बाराव को हार्ट अटैक के बाद एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। गहलोत ने कल शाम को एसएमएस पहुंचकर डॉक्टरों से सुब्बाराव के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।
13 साल की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए थे सुब्बाराव-
एसएन सुब्बाराव का जन्म 7 फरवरी 1929 को बेंगलुरु में हुआ था। वह बचपन से ही महात्मा गांधी से प्रभावित थे। 13 साल की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। सुब्बाराव जीवन भर गांधीवादी मूल्यों के प्रचार में लगे रहे। वे देश-विदेश भर में कैंप लगाकर युवाओं को गांधीवाद और अहिंसा के बारे में बताते थे। उन्हें 18 भाषाओं का ज्ञान था।
सीएम अशोक गहलोत ने सुब्बाराव से जयपुर में आश्रम बनाकर रहने का किया था आग्रह-
जून 2019 में सुब्बाराव ने जयपुर के पास दिल्ली रोड से भानपुर गांव में कैंप लगाया था। गहलोत ने सुबाराव से जयपुर में आश्रम बनाकर रहने का आग्रह किया था। सुब्बाराव बीच में कई बार जयपुर आते रहते थे। वह देश भर में घूमते रहते थे।
मुरैना और धौलपुर में चंबल के डकैतों को सरेंडर करवा कर चर्चा में आए थे सुब्बाराव-
डॉक्टर एसएन सुब्बाराव ने चंबल के 600 से ज्यादा डाकूओं से सरेंडर करवाया था। 1972 में मुरैना के जौरा गांधी आश्रम में जयप्रकाश नारायण की मौजूदगी में 450 डकैतों ने सरेंडर किया था। इसी दौरान धौलपुर में भी 100 से ज्यादा डकैतों ने सरेंडर किया था। चंबल के डकैतों से सामूहिक सरेंडर करवाकर सुब्बाराव देश भर में चर्चा में आए थे।
गहलोत ने कहा सुब्बाराव की देहांत से मुझे व्यक्तिगत नुकसान-
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुब्बाराव के निधन पर गहरा शोक जताया है। सीएम गहलोत ने सुब्बाराव के निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से बेहद आघात पहुंचा है। 70 वर्षों से अधिक समय से देश में युवाओं से जोड़कर लगातार अपने शिविरों के माध्यम से उन्हें प्रेरणा देने वाले देश की पूंजी गांधीवादी विचारक और प्रेरक का देहांत अपूरणीय क्षति है। भाईजी ने जीवनपर्यंत युवाओं को जागरूक करने की मुहिम चलाई। विदेशों में भी वहां पर नई पीढ़ी को देश के बारे में बताया। यहां के संस्कार, संस्कृति, अनेकता में एकता का संदेश उन तक पहुंचाने का काम किया। उनके शिविरों में आकर मुझे बेहद सुकून महसूस होता रहा। हम सौभाग्यशाली है कि राजस्थान को उनका सान्निध्य मिलता रहा।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)