नेशनल डिफेंस एकेडमी(NDA) और नेवल एकेडमी में लड़कियों की एंट्री का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दी।
सरकार की ओर से यह जानकारी कोर्ट में उपस्थित एडीशनल सॉलीसीटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने दी। उन्होंने बताया कि दोनों संस्थानों में महिला कैडेट्स को दाखिला देने का फैसला लिया गया है। इसे अभी अंतिम रूप देने का काम लगातार जारी है।
जानकारी देने के बाद जस्टिस कॉल ने कहा हमें जानकर बेहद खुशी हुई कि सशस्त्र बलों ने खुद महिलाओं को NDA मैं शामिल करने का फैसला लिया है। बेंच ने केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया था। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
इस साल NDA 370 सीटों के लिए 4.5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा देने वाले हैं। पूर्व में NDA की परीक्षा 5 सितंबर 2021 को होनी थी। लेकिन UPSC मैं इसे 4 नवंबर तक आगे बढ़ा दिया है।
इस साल नियम यथावत रखने की अपील।
ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से यह निवेदन किया है कि इस साल NDA परीक्षा के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाए। क्योंकि यह नियम लागू करने से पहले नई पॉलिसी प्रक्रिया, और ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बनाना होगा।
सेना में लड़कियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
महिलाओं को सेना में स्थाई कमीशन का रास्ता पहले ही साफ हो चुका है। NDA द्वारा सेना में शामिल होने पर लड़कियों को कई प्रकार के फायदे मिलेंगे। उनका सेवाकाल लंबा होगा। सैन्य सेवाओं में भूमिका का दायरा भी बढ़ेगा। लड़कियों को अब पदोन्नत होकर सेना अध्यक्ष बनने का मौका भी प्राप्त होगा। इससे महिलाओं को सेना के प्रति रुझान बढ़ेगा और उन्हें भरपूर प्रोत्साहन भी मिलेगा।
सेना में जाना आज भी आकर्षक कैरियर।
आज बहुत सारे क्षेत्रों में नौकरियों के अनेक अवसर है। फिर भी सेना अकादमी में जाना आज भी युवाओं के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। क्योंकि यह देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा रखने वालों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। इसमें अब तक तो केवल लड़कों को ही अवसर दिया जाता था। अब जबकि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं कुछ अन्य क्षेत्र से अछूता कैसे रह सकता है।
विकास शर्मा (मार्मिक धारा)