महंगाई के खिलाफ रविवार को जयपुर में हुई कांग्रेस की रैली की गूंज आज लोकसभा में भी सुनाई दी। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की कांग्रेस और राहुल गांधी पर टिप्पणी से कांग्रेस सांसद भड़क गए। उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई। सदन में हंगामे के हालात बन गए। शून्यकाल के दौरान बेनीवाल ने घोषणा पत्र के वादों को पूरा नहीं करने और झूठे वादे करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का मुद्दा उठाया और राहुल गांधी के नाम पर झूठा वादा करने का आरोप भी लगाया।
किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 10 दिन में संपूर्ण कर्ज माफी का वादा किया था। कांग्रेस ने राजस्थान के भोले-भाले किसानों को ठगा है। राहुल गांधी राजस्थान में सभा कर के आए। उस सभा में उन्होंने बोला था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों का 10 दिन में संपूर्ण कर्ज माफ कर दिया जाएगा। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राजस्थान का किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। कल कांग्रेस पार्टी ने जयपुर में रैली करके छाती को पीट बता दिया और कहा कि पीठ में छुरा घोंपा। ‘अब बताइए आप’।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ऐसा दल जो गलत तथ्यों पर आधारित कर्ज माफी की बात करते हैं। घोषणापत्र में झूठे और लुभावने वादे करके सत्ता में आते हैं। इन बातों को छल की श्रेणी में लिया जाए। चुनाव से पहले कोई राजनीतिक दल ऐसा कोई वादा करता है जिससे वह सत्ता में आने के बाद पूरा नहीं करता है उससे छल की परिभाषा में शामिल करते हुए उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 419 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए।
बेनीवाल की टिप्पणी पर कांग्रेस ने किया हंगामा-
हनुमान बेनीवाल की टिप्पणियों पर कांग्रेस सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए हंगामा कर दिया। राहुल गांधी का नाम लेने के बाद कांग्रेस सांसदों ने आपत्ति की तो बेनीवाल ने कांग्रेस घोषणा पत्र की कॉपी सदन में लहरा दी। बेनीवाल के आरोपों पर सदन में हंगामे के हालात बन गए। सभापति ने हस्तक्षेप कर हंगामा शांत करवाया।
घोषणापत्र के वादे पूरे करने का रोड मैप की मांग-
चुनाव घोषणापत्र के वादो को पूरा करने के रोड में पर चुनाव आयोग में पहले भी एक बार विचार विमर्श हुआ था। कुछ साल पहले राजनीतिक दलों को चुनाव घोषणापत्र में किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए फंड के इंतजाम के बारे में बताने का प्रावधान लागू करने पर चर्चा हुई थी। वह प्रावधान लागू नहीं हो पाया।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)