सरकारी मेडिकल स्टोर जन औषधि केंद्र खोलने पर मिलेगी 5 लाख रुपए तक की सब्सिडी। अगर आप अपने क्षेत्र में गांव या शहर में कमाई करना चाहते हैं। तो केंद्र सरकार की प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना आपकी मदद कर सकती है।इसमें आप मेडिकल स्टोर खोलकर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इस स्क्रीन की खास बात यह है। कि इसके लिए सरकार आप को इंसेंटिव के रूप में 5लाख रुपए तक की मदद करेगी। दुकान खोलने में फर्नीचर कंप्यूटर और फ्रिज पर जो भी खर्चा आएगा आपको यह पैसा रीइंबर्समेंट के रूप में मिल जाएगा। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को बेहतर रोजगार और लोगों को बेहतर क्वालिटी वाली सस्ती दवाइयां पहुंचाना है।
कौन खोल सकता है जन औषधि केंद्र:-
इसमें इंडिविजुअल, ऑर्गेनाइजेशन, एनजीओ, या चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन शामिल है।यदि इंडिविजुअल दवाई की दुकान खोलता है। तो उसके पास बी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए। एनजीओ के लिए जरूरी है। कि वह डी फार्मा या बी फार्मा वाले को रोजगार पर लगाए।
कैसे होती है कमाई:-
जन औषधि केंद्र जितना भी मंथली दवाइयों की सेल करता है उसमें 20 % मार्जिन का इंतजाम है यानी एक लाख की मंथली सेल पर 20 हजार रुपए का मुनाफा होगा।
5 लाख रुपए तक की सब्सिडी:-
सरकार नॉर्मल इंसेंटिव के रूप में 5 लाख रुपए तक की मदद कर रही है वही नॉर्थईस्ट या नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 2 लाख रुपए तक अतिरिक्त इंसेंटिव मिलेगा। यह इंसेंटिव मंथली परचेज का 15 % या 15 हजार में जो भी अधिक हो। तब तक दिया जाता है जब तक 5 लाख रुपए पूरे ना हो जाएं।
सरकार दुकान खोलने का खर्चा भी वापस करेगी:-
सरकार दुकान में फर्नीचर आदि के खर्च पर 1.5 लाख रुपए और कंप्यूटर, प्रिंटर ,व र्फ्रीज रखने में 50 हजार रुपए रीइंबर्समेंट के रूप में वापस करती है खर्च का बिल जमा कराना होता है।
कैसे करें आवेदन:-
जन औषधि केंद्र के लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम से लेना होता है। इसके लिए फॉर्म https://janaushadhi.gov.in/से डाउनलोड कर सकते हैं।आवेदन ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर के नाम से भेजना होगा।
विकास शर्मा (मार्मिक धारा)