अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल के बाद अब विभागों के बंटवारे का इंतजार जल्द ही पूरा होने वाला है। हाईकमान से मंजूरी के इंतजार में विभागों का बंटवारा अभी तक अटका हुआ है। हाईकमान की मंजूरी के बाद आज मंत्रियों में विभागों का बंटवारा होने की पूरी-पूरी संभावना है। 2018 में नए मंत्रियों को शपथ के बाद देर रात विभाग बांटे गए थे, लेकिन इस बार देरी हो गई है। मंत्री चार्ज लेने से पहले विभागों के बंटवारे का इंतजार कर रहे हैं।
मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में भी सियासी समीकरण साधे जाएंगे। पुराने मंत्रियों के विभाग बदले जाने तय हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वित्त विभाग, एसीबी और आईटी अपने पास रख सकते हैं। अभी सीएम के पास 9 विभाग हैं। शांति धारीवाल के पास नगरीय विकास बरकरार रह सकता है।
बिजली पानी जैसे जनता से जुड़ी हैवीवेट विभाग बी डी कल्ला से लिए जा सकते हैं। कल्ला को शिक्षा विभाग दिए जाने की संभावना है। हेमाराम चौधरी को राजस्व मंत्री बनाया जा सकता है। वह इससे पहले भी इस विभाग को संभाल चुके हैं। महेश जोशी को स्वास्थ्य या गृह विभाग में से एक दिए जाने की चर्चा चल रही है। महेंद्रजीत सिंह मालवीय को जनजाति क्षेत्रीय विकास या ग्रामीण विकास विभाग दिए जाने की संभावना है। रामलाल जाट को डेयरी, पशुपालन विभाग मिल सकता है।
सचिन पायलट के पास रहे पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण विकास विभाग पर है निगाह-
सचिन पायलट के डिप्टी सीएम रहते हुए उनके पास पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग थे। इन विभागों की जिम्मेदारी किसे दी जाती है इस पर निगाह है। ग्रामीण विकास और पंचायती राज के लिए महेंद्रजीत मालवीय को दिए जाने की संभावना है। रमेश मीणा को पीडब्ल्यूडी दिया जा सकता है।
दलित और एसटी वर्ग से जुड़े मंत्रियों को अच्छे विभाग मिलने की पूरी-पूरी संभावना-
दलित वर्ग के 4 और एसटी वर्ग के 3 कैबिनेट मंत्रियों में से ज्यादातर को अच्छे विभाग दिए जाने की चर्चा है। दलित और एसटी वर्ग के मंत्रियों को कमजोर विभाग दिए जाने का मुद्दा बनाया गया था। गोविंद मेघवाल को सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग दिया जा सकता है। ममता भूपेश को महिला बाल विकास की जगह उद्योग विभाग दिया जा सकता है। टीकाराम जूली के पास श्रम विभाग के साथ जनता से जुड़ा कोई और विभाग दी जाने और प्रसादी लाल मीणा उद्योग लेकर सहकारिता विभाग देने की संभावना है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)