लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी से किसानों को कुचले जाने से हुई हिंसा के बाद सियासत और ज्यादा गरमा गई है। प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखित बयान जारी कर यूपी सरकार पर लोकतंत्र को खत्म करने और तानाशाही करने का आरोप लगाया है।
गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी और अन्य नेताओं को उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। वह प्रमुख विपक्षी नेता है और लखीमपुर खीरी जिले में जो कल किसान मारे गए उनके परिवारों से मिलने जा रही थी।
विपक्षी नेताओं को गैरकानूनी तरीके से रोका जाना लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है। किसान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पहले किसानों पर भाजपा नेताओं के काफिले की गाड़ियां चढ़ा कर उनको बर्बरता से मार दिया गया। फिर विपक्षी नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है। जो बिल्कुल गलत है। प्रियंका जी उन परिवारों के साथ खड़े होने के लिए जा रही थी, जिन्होंने अपने प्रियजनों को हिंसा में खोया है। इस कर्तव्य निर्वहन के लिए उनको रोकना पूर्णतया अनुचित है।
सीएम गहलोत ने भाजपा सरकार पर भी साधा निशाना-
सीएम अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि भाजपा सरकार का अमानवीय चेहरा पूरी तरह सामने आ चुका है। किसानों की मांगों को अनसुनी करना, किसान आंदोलन को तोड़ना, उन पर अत्याचार करना और फिर किसी विपक्षी दल को उनके साथ ना खड़े होने देना यह सत्ताधारी दल का लोकतंत्र विरोधी रूप है। जिसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पंजाब के उपमुख्यमंत्री को राज्य में आने से रोका जा रहा है जो कि निंदनीय है। ऐसा केवल एक तानाशाह सरकार ही कर सकती है। क्या यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर देना चाहती है? इस तरह नागरिक अधिकारों का हनन संविधान की भावना के विपरीत है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)