यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बयान पर ब्राह्मण संगठनों के विरोध के बीच सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी का बयान आया है। महेश जोशी ने ब्राह्मण संगठनों को विरोध प्रदर्शन करने की जगह धारीवाल के बयान को चुनौती के रूप में लेने की नसीहत दी है। शांति धारीवाल ने पिछले दिनों कहा था कि ब्राह्मणों ने बुद्धि का ठेका ले रखा है, लेकिन कोटा के कोचिंग इंस्टिट्यूट में वैश्य समाज के बच्चे ज्यादा आते हैं। इस बयान का ब्राह्मण संगठन विरोध कर रहे हैं।
महेश जोशी ने पीसीसी में मीडिया से बातचीत में कहा कि बाहुबली ब्राह्मण नहीं होता है। ब्राह्मण बाहुबली नहीं बुद्धिमान समाज है। बुद्धिमान कभी बाहुबल का प्रदर्शन नहीं करते। चाणक्य ने कभी बाहुबल का प्रदर्शन नहीं किया। ऐसे में ब्राह्मण संगठन इसे विरोध की जगह चुनौती के रूप में लें। हर ब्राह्मण संगठन इस तरह चुनौती ले कि हम 10 बच्चे कैसे तैयार करें, जो IAS और RAS बने। शांति धारीवाल के बयान का विरोध नहीं करूंगा, लेकिन अगर किसी भी समाज के लिए ऐसा बयान आता है कि बच्चे कॉन्पिटिशन में कम आते हैं, तो इसे चुनौती के रूप में लेना चाहिए।
महेश जोशी ने यह भी कहा कि धारीवाल जी को बयान देना चाहिए था, या नहीं देना चाहिए था। यह अलग बात है लेकिन ब्राह्मण समाज के संगठनों से जुड़े लोगों को जो रिएक्शन दे रहे हैं। उन्हें सोचना चाहिए पहले ब्राह्मण समाज के लोग प्रतियोगिताओं में या कंपीटेटिव एग्जाम में अच्छे नंबर लाते थे। अगर कोई भी व्यक्ति यह कह रहा है कि दूसरे समाज के ज्यादा लोग सरकारी नौकरियों में जाते हैं। तो उससे बुराई के रूप में नहीं लेकर चुनौती के रूप में लेना चाहिए। यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए।
महेश जोशी ने कहा- ब्राह्मण संगठनों को इधर-उधर की बातों से हटकर बच्चों को कंपटीशन के लिए तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए-
मुझे सचेतक महेश जोशी ने कहा कि ब्राह्मण संगठनों को इधर-उधर की बातों से हटकर बच्चों को कंपटीशन के लिए तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए ब्राह्मण समाज का चाहे को इंस्टिट्यूट खोल सके, कोचिंग स्टोर खोल सके, ब्राह्मण समाज के बच्चों की संख्या कंपटीशन एग्जाम में कैसे बढ़ा सकते हैं, इस पर ध्यान देना चाहिए। ब्राह्मण समाज के संगठनों के लोग इस बात को समझे। इससे ब्राह्मण समाज के प्रतिभा को निखारने का मौका मिलेगा। तो ब्राह्मण संगठन जितने भी बने हुए हैं वह अनावश्यक रूप से विरोध प्रदर्शन करके ब्राह्मण बच्चों को गलत दिशा नहीं दे सकेंगे।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)