पाली के ठहडा की ढाणी गुड़ा चतरा में एक खेत में बने घर में करंट की चपेट में आने से डेढ़ साल की मासूम और उसे बचाने के लिए आई मां की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में दोनों को बचाने के प्रयास में ससुर भी झुलस गया। हादसे के बाद तीनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान मां और बेटी ने दम तोड़ दिया, वहीं गंभीर हालत होने के कारण ससुर को देवगढ़ रेफर किया गया।
जानकारी के अनुसार ठहडा की ढाणी गुड़ा चतरा में एक खेत में बने घर में हुआ। यहां लाइट का तार तेज अंधड़ से लाइट का तार नीचे झूल गया था। जिससे वह लटक कर काफी नीचे तक आ गया था और टूट कर गिर गया था। तार में करंट दौड़ रहा है, इसकी जानकारी परिवार के लोगों को नहीं थी। इस बीच खेल रही डेढ़ साल की मासूम हर्षिता ने तार को छू लिया। उसे तड़पता देखकर मां मंजू कंवर पत्नी बन्ने सिंह रावत राजपूत ने उसे छुड़ाने का प्रयास किया। लेकिन वह भी करंट की चपेट में आ गई। दोनों को करंट से तड़पता देखकर मंजू के ससुर कानसिंह पुत्र हजारी सिंह रावत राजपूत ने बचाने का प्रयास किया। लेकिन वह भी हादसे में गंभीर रूप से झुलस गए। जिसे इलाज के लिए देवगढ़ हॉस्पिटल रेफर किया गया है। हादसे में दोनों मां और बेटी की मौत हो गई है और दोनों के शव को पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
मृतका मंजू के जेठ किशन सिंह के अनुसार तेज अंधड़ से लाइट का तार नीचे झूल गया था। जिससे वह लटक कर काफी नीचे तक आ गया था। इससे सुबह साढ़े 9 बजे के करीब खेत में काम करते समय मंजू और उसकी डेढ़ साल की बेटी हर्षिता करंट की चपेट में आ गए। उन्हें बचाने के लिए मेरे पिता कान सिंह भी पहुंचे और वो भी करंट की चपेट में आ गए। तीनों को लकड़ी की सहायता से छुड़ाया। हालांकि अस्पताल ले जाते समय हर्षिता और मंजू ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया, जबकि पिता का अस्पताल में इलाज जारी है।