नई दिल्ली, लोकसभा में बिना विरोध पास हुआ संविधान संशोधन विधेयक आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने राज्यों को ओबीसी की लिस्टिंग करने बाला बिल पेश किया। इस बिल के पक्ष में 385 वोट पड़े विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा । इसका नाम संविधान (127 वां संशोधन) विधेयक 2021 है।
संसद में 127 वां संशोधन संविधान के अनुच्छेद 342 A(3) में बदलाव के लिए लाया गया है। इसके बाद राज्य अपने हिसाब से ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकते हैं। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बिल के पास होने के बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।
खारिज किया गया मराठा आरक्षण:-
इस साल मई में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मिले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया। यह आरक्षण आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर दिया गया था। क्योंकि मराठा आरक्षण 50 % सीमा का उल्लंघन करता है।
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां:-
आरक्षण पर राज्य सिफारिश कर सकते हैं:-
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार राज्यों को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी जाति को सामाजिक आर्थिक पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लें वह सिर्फ ऐसी जातियों की पहचान कर केंद्र से सिफारिश कर सकते हैं। राष्ट्रपति उस जाति को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के निर्देशों के मुताबिक सामाजिक आर्थिक पिछड़ा वर्ग में जोड़ सकता है।
रिजर्वेशन की लिमिट तोड़ने का अधिकार नहीं:-
राज्यों को आरक्षण की सीमा 50% को तोड़कर आरक्षण के प्रतिशत को आगे बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है।
कई राज्यों में आरक्षण को लेकर आंदोलन जारी:-
विपक्ष लंबे समय से यह मांग कर रहा है। कि राज्यों में आरक्षण की सीमा को खत्म किया जाए। सभी राज्य 50,% से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकते। आरक्षण को लेकर कई राज्यों में आंदोलन चल रहे हैं। गुजरात में पटेल, हरियाणा में जाट, महाराष्ट्र मराठा समुदाय, कर्नाटक में लिंगायत, लगातार आरक्षण की डिमांड कर रहे हैं और आंदोलन भी कर रहे हैं।
विकास शर्मा (मार्मिक धारा)