राजधानी में पड़ रही सर्दी के साथ इस बार प्रदूषण भी चरम पर है। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीतापुरा (रीको) और मुरलीपुरा की हवा रेड जोन में आ चुकी है। मुरलीपुरा में 334 और सीतापुरा रीको में 323 एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) है यानी सामान्य से तीन गुना। शास्त्री नगर और मानसरोवर में भी एक्यूआई 285 और 280 है, जो 300 होते ही ये भी रेड जोन में शामिल हो जाएंगे। यहां लोगों को सावधान रहने की जरूरत है और मास्क व मुंह ढककर खुले में जाने से कुछ हद तक बचाव किया जा सकता है। वहीं लोगों और अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में होने वाली मावठ से यह प्रदूषण धुलेगा और राहत मिलेगी। मालूम हो कि सर्दियों में वायु प्रदूषण जमीनी सतह से अधिक ऊंचाई पर नहीं जा पाता और प्रदूषण सीधे तौर पर लोगों को नुकसान पहुंचाता है।
300 से अधिक एक्यूआई में होता है सांस लेने में मुश्किल
वाहनों का धुआं, फैक्ट्रियों का प्रदूषण, स्मोकिंग से वायु प्रदूषण होता है। इनमें कार्बनडाई ऑक्साइड, सल्फर मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फरडाई ऑक्साइड के अलावा धूल के बारीक कण होते हैं। अब जबकि प्रदूषण अधिक है तो लोगों को सांस लेने के साथ ही घातक तत्व शरीर में जाते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। 300 से अधिक एक्यूआई होने पर सांस लेने में परेशानी होने लगती है। बताया जा रहा है कि अस्थमा के मरीजों के लिए प्रदूषण का यह स्तर घातक है। साथ ही एलर्जी से लेकर हार्ट और लंग्स को भी खतरनाक रूप से नुकसान पहुंचाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक कुछ लोगों में यह प्रदूषण तुरंत असर दिखा देता है और उन्हें अस्पताल जाना पड़ता है तो कुछ में कई दिन बाद के असर देखने को मिलता है।