जयपुर, फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी आज दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए। गहलोत के ओएसडी ने क्राइम ब्रांच को भेजे जवाब में पिता की बीमारी का हवाला देकर 7 दिन जयपुर से बाहर जाने में असमर्थता जताई है।
क्राइम ब्रांच ने सीएम के ओएसडी को आज 11 बजे पूछताछ के लिए तलब किया था और नहीं आने पर गिरफ्तारी की चेतावनी दी थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नोटिस के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी। आज दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रखी है।
दिल्ली पुलिस के वकील ने हाईकोर्ट में आश्वासन दिया कि जब तक कोर्ट का आदेश है तब तक गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। 13 जनवरी को अब मामले की अगली सुनवाई होगी। तब तक दिल्ली क्राइम ब्रांच गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। यह तीसरा मौका है जब लोकेश शर्मा दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इससे पहले गहलोत के ओएसडी को नोटिस जारी कर 24 जुलाई और 22 अक्टूबर को पूछताछ के लिए तलब किया था। उस समय पूछताछ के लिए वह पेश नहीं हुए थे। क्राइम ब्रांच ने दो बार 160 सीआरपीसी के तहत नोटिस भेजे थे। लेकिन इस बार सीआरपीसी 41(ए) के तहत आरोपी के तौर पर नोटिस भेजकर तलब किया था।
सीएम के ओएसडी पर दिल्ली पुलिस ने कई बंदिशें लगाई थी, उन्हें चुनौती दी-
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 12 नवंबर को पूछताछ के नोटिस में सीएम के ओएसडी पर कई तरह की शर्तें और पाबंदी लगाई थी। इन्हें लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए याचिका दायर की गई थी। नोटिस में शर्त रखी गई थी कि भविष्य में कोई कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे। जब भी जरूरत हो पूछताछ के लिए आना होगा। कोर्ट में आना होगा। सीएम के ओएसडी से केस से जुड़े सबूत देने के लिए कहा है। जांच के लिए दस्तावेज और ऑडियो भी पेस करने के लिए कहा। नोटिस के मुताबिक और भी पाबंदी लगाई जा सकती है। शर्तों का पालन नहीं करने पर गिरफ्तारी की चेतावनी दी गई थी।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की शिकायत पर चल रहा है केस-
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर 25 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग मामले में लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लोकेश शर्मा ने राजस्थान की घटना के लिए दिल्ली में केस दर्ज करने पर क्षेत्र अधिकार का सवाल उठाते हुए इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से राहत दी है। लेकिन क्राइम ब्रांच उनसे पूछताछ कर सकती है। अभी तक किसी से भी पूछताछ नहीं हो सकी है। एक बार सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी बुलाया था, लेकिन उम्र का हवाला देकर वह नहीं गए।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)