Home Story Time असफलताओं के बाद उच्चतम सफलता: इब्राहिम लिंकन की कहानी

असफलताओं के बाद उच्चतम सफलता: इब्राहिम लिंकन की कहानी

by marmikdhara
0 comment

इब्राहिम लिंकन (Ibrahim Lincoln) एक प्रसिद्ध अमेरिकी राजनेता थे जो दक्षिणी केंटकी में 12 फरवरी, 1809 को जन्मे। उनके पिता का नाम था थॉमस लिंकन और माता का नाम नैंसी हैंनी थे। उनका पूरा नाम अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) था।

इब्राहिम लिंकन की जीवनी उनकी निर्वाचनी अवधि के दौरान महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ जुड़ी हुई है। वे 1861 से 1865 तक अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति रहे और उनकी कार्यकाल में उन्होंने देश को गणराज्य में बदलने के लिए महत्वपूर्ण पहल की।

लिंकन ने अपनी बचपन से ही गरीबी और कठिनाइयों का सामना किया। उनके पिता की मृत्यु के बाद, उन्होंने खेती के क्षेत्र में काम किया और स्थानीय कार्यालय में कार्यरत रहे। लिंकन को शिक्षा की कमी के कारण अपनी ही शिक्षा प्राप्त करनी पड़ी, लेकिन उन्होंने आगे बढ़कर स्वयं को स्वतंत्रता से पढ़ाई और विद्यार्थी बनाने के लिए प्रयास किया।

उनका पहला राजनीतिक अनुभव 1834 में उन्हें इलिनोइ राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद हुआ। इसके बाद, लिंकन ने नागरिक अधिकारों की संरक्षा के लिए संघर्ष किया और दक्षिणी राज्यों में नई गणराज्यों की स्थापना के लिए कई पहल की।

यद्यपि लिंकन की प्रमुखता कार्यकाल उनके राष्ट्रपति काल में थी, लेकिन उनके शानदार भाषणों और महानता की वजह से उन्हें “महानतम राष्ट्रपति” के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने देश को ग्रीष्मकालीन युद्ध से जीत कर उसे एकता और आपसी समझ का प्रतीक बनाया।

1865 में लिंकन को विल्क्स बूथ द्वारा हमले के दौरान मार दिया गया। उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें राष्ट्रीय महानता का सम्मान किया गया और उन्हें एक महापुरुष के रूप में मान्यता मिली। आज भी उन्हें एक महान नेता के रूप में याद किया जाता है और उनके कार्य को सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है।

इब्राहिम लिंकन की जीवनी में कई असफलताओं के बाद उन्हें अंततः सफलता मिली। उनकी शुरुआती राजनीतिक करियर में कई हारें हुईं और वे कई बार चुनावों में हार गए। उनका पहला प्रयास अमेरिकी संघ कांग्रेस के सदस्य के रूप में चुने जाने में असफल रहा। उन्होंने बाद में अपनी प्रभावशाली भाषण और नेतृत्व के द्वारा प्रशंसा प्राप्त की, लेकिन आधिकारिक रूप से वे चुने गए नहीं गए।

संघ कांग्रेस के बाद, लिंकन ने 1858 में इलिनोइ राज्य के सीनेटर की सीट के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। तब भी, लिंकन ने न तो अपने लक्ष्य से हाथ खींचा और न ही निराश होकर हिम्मत खोई।

अंततः, 1860 में लिंकन अमेरिकी गणराज्यों के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए। उनके चयन से शुरू हुए नागरिक युद्ध (अमेरिकी गद्दारी के रूप में भी जाना जाता है) में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। युद्ध के दौरान, लिंकन ने देश को एकीकृत करने के लिए प्रयास किया और नागरिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर विचार किए।

उनके नेतृत्व में हुए ग्रीष्मकालीन युद्ध के बाद, अमेरिका द्वारा अधिकारिक रूप से गणराज्य घोषित किया गया। यह लिंकन की बड़ी सफलता थी जो उनके देश के एकता और महानता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त की गई।

दुर्भाग्यवश, 1865 में लिंकन को एक हमले में हत्या कर दी गई। इसके बावजूद, उनकी सफलता और महानता की गहरी छाप बनी रही है। उन्हें एक महान नेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने अपने असफलताओं के बावजूद सच्चाई, न्याय और भारतीय लोगों के हित के लिए संघर्ष किया।

हर्षवर्धन शर्मा, संपादक (TFN)

True Facts Newspaper

www.truefactsnews.com

You may also like

Leave a Comment

True Facts News is renowned news Paper publisher in Jaipur, Rajasthan

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

Laest News

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by TrueFactsNews