भाजपा ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान में रणनीति स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। कल से उदयपुर के कुंभलगढ़ में बीजेपी का 2 दिन का चिंतन शिविर रखा गया है। चिंतन शिविर में 2 दिन तक बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी अलग-अलग सत्रों में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे। 2 दिन के चिंतन शिविर का मुख्य फोकस विधानसभा चुनाव की प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक रणनीति बनाने का है।
बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष चिंतन शिविर में राजस्थान बीजेपी के संगठन से जुड़े कामकाज की समीक्षा के साथ आगे का रोडमैप बनाएंगे। इस रोडमैप के आधार पर पार्टी काम करेगी। बताया जा रहा है कि इस चिंतन शिविर के जरिए पार्टी राजस्थान में पार्टी संगठन को और सक्रिय बनाना चाहती है। बीजेपी का फोकस बुथ से लेकर मंडल की यूनिट तक कार्यकर्ताओं का वोटर से सीधे जुड़ाव पर है। मंडल और बूथ लेवल पर मजबूती के लिए पहले से अभियान चला रखा है। चिंतन बैठक में बीजेपी नेताओं की आपसी खींचतान का मुद्दा भी उठाते हैं। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री नेताओं को इस मामले में नसीहत दे सकते हैं। पार्टी में खेमेबंदी को लेकर पहले से ही मुद्दा गर्माया हुआ है।
गुजरात मॉडल पर आगे होगा काम-
विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने इस बार गुजरात मॉडल को मजबूती से लागू करने का फैसला दिया है। इस मॉडल के तहत बूथ लेवल 20 से 25 वोटर पर एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी जा सकती है। चिंतन में इस मॉडल पर अब तक हुए काम के रिव्यु के साथ इसे आगे लागू करने के रोडमैप पर बात होगी। मुख्य फोकस चुनाव मैनेजमेंट के आस-पास रहेगा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा की चिंतन शिविर में हम भविष्य की कार्य योजनाएं बनाएंगे। मिशन 2023 पर हमारा फोकस है। हम पार्ट संगठन को नीचे तक कैसे और मजबूत करें इस पर चर्चा होगी। प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बात रखेंगे।
चिंतन के बाद होगी कोर कमेटी की बैठक, वसुंधरा राजे के रूख पर होगी निगाहें-
2 दिन के चिंतन शिविर के आखिर में बीजेपी कोर कमेटी की बैठक होगी। कोर कमेटी की बैठक में मौजूदा सियासी माहौल पर चर्चा के साथ बीजेपी में अंदरूनी मतभेदों पर चर्चा हो सकती है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बैठक में आएगी या नहीं यह भी अभी तय नहीं है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)